Dr. Simi Paknikar द्वारा लिखित | Shaila Shroff द्वारा समिक्षित लेख on Sep 27 2017 4:42AM
रक्त शर्करा का परीक्षण क्या होता है?
रक्त शर्करा का परीक्षण मधुमेह के निदान के लिये उपयोग किया जाता है, इस स्थिति को यदि अनियंत्रित छोड़ दिया जाये, तब वह शरीर में लगभग किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती हैं। रक्त शर्करा के परीक्षण द्वारा सामान्य या प्रारम्भिक मधुमेह के अंतर को समझने में मदद मिलती हैं। प्रारम्भिक मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रोगी के रक्त में शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता हैं, लेकिन मधुमेह की सीमा से कम होता हैं। इस अवस्था में पर्याप्त सावधानियां बरतने से स्थिति के बाद में खराब होने से बचा जा सकता हैं । इसके अतिरिक्त, रक्त शर्करा के परीक्षण हाइपोग्लाइसीमिया या निम्न रक्त शर्करा के स्तर को पहचाने में भी मदद करते हैं।
रक्त शर्करा परीक्षण का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किये जाते हैं:
- जिन लोगों में मधुमेह रोग विषयक लक्षण होते हैं, खासकर उन के रोग की पुष्टि करने के लिए
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यह जांच आमतौर पर 45 साल या इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में की जाती हैं, लेकिन यह जांच पहले भी की जा सकती हैं, यदि किसी व्यक्ति का वजन अधिक हो या वह मोटापे से ग्रस्त हैं तो, मधुमेह के होने के लिए उसे कोई अतिरिक्त जोखिम कारक हैं या नहीं यह जांचने के लिये
- एक बार निदान होने के बाद डायबिटीज नियंत्रण में हैं या नहीं इसकी निगरानी करने के लिए
- अस्पताल में भर्ती मधुमेह रोगियों को रक्त शर्करा नियंत्रित करने के लिए प्रति दिन 2 से 3 बार तक परीक्षण की आवश्यकता होती हैं। उनकी शर्करा के स्तर के अनुसार दवा की खुराक को समायोजित करने के लिये
रक्त शर्करा का परीक्षण कैसे किया जाता है?
आपके रक्त शर्करा का परीक्षण करने के कई तरीके हैं, सभी परीक्षणों में रक्त के नमूने की आवश्यकता होती हैं। कुछ परीक्षण उपवास अवस्था में किए जाते हैं, कुछ एक विशिष्ट समय के बाद और कुछ यादृच्छिक या क्रमहीन होते हैं।
इनमें से कुछ विधियां निम्न प्रकार हैं:
हीमोग्लोबिन ए1सी स्तर : हीमोग्लोबिन ए1सी या ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन एक रक्त परीक्षण हैं जो शर्करा से संबंधित हीमोग्लोबिन के प्रतिशत को दर्शाता हैं। परीक्षण की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:
हीमोग्लोबिन ए1सी या ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन एक रक्त परीक्षण हैं जो शर्करा से संबंधित हीमोग्लोबिन के प्रतिशत को दर्शाता हैं। परीक्षण की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:
- यह परीक्षण पिछले तीन महीनों की रक्त शर्करा के स्तर का पता लगाने के लिए उपयोगी है, क्योंकि लाल रक्त कोशिकाओं की जीवन अवधि तीन महीने की होती हैं।
- परीक्षण किसी भी समय किया जा सकता है और इसके लिये खाली पेट रहने की आवश्यकता नहीं होती हैं।
- तनाव और बीमारियों जैसी विकट स्थिति से परिणाम प्रभावित नहीं होते हैं।
- इसे मधुमेह की कुछ जटिलताओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रयोग किया जा सकता हैं।
- नतीजों के अनुसार, स्थिति को निम्ना्नुसार वर्गीकृत किया जा सकता हैं:
- सामान्य- 5.7% से कम
- प्रारम्भिक मधुमेह - 5.7%-6.4%
- मधुमेह - 6.4% से अधिक
- इस परीक्षण का नुकसान यह हैं कि यह अन्य रक्त ग्लूकोज़ परीक्षणों के समान संवेदनशील नहीं हैं और महंगा भी हैं।
फास्टिंग प्लाज़्मा ग्लूकोज स्तर: यह खाली पेट की अवस्था में लिये गये रक्त शर्करा के स्तर का संकेत देते हैं:
- रात भर 8 घंटों तक खाली पेट रहने के बाद सुबह रक्त नमूना प्राप्त किया जाता हैं।
- परीक्षण अधिकांशतया सभी प्रयोगशालाओं या लैबोरेट्रीज़ में उपलब्ध हैं और अपेक्षाकृत यह सस्ता भी हैं
- परिणाम पर निर्भर करते हुए, स्थिति का इस प्रकार निदान किया जा सकता हैं:
- सामान्य - 80-100 मिलीग्राम / डीएल
- उपवास में क्षीण ग्लूकोज सहनशीलता या प्री डायबिटीज़ - 100-125 मिलीग्राम / डीएल
- मधुमेह - ≥ 126 मिलीग्राम / डीएल
अलग अलग प्रयोगशालाओं में संदर्भ मूल्य थोड़े भिन्न हो सकते हैं। इसलिए आपके परिणाम को विशेष प्रयोगशाला द्वारा प्रदान किए गए संदर्भ मूल्य के साथ सह संबंधित करना आवश्यक हैं।
ओरल या मौखिक ग्लूकोज सहनशीलता परीक्षण: मधुमेह के परीक्षण के लिए यह एक संवेदनशील तरीका है। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:
- रक्त शर्करा के स्तर को रात भर खाली पेट (फास्टिंग) रखने के बाद एक मानक ग्लूकोज़ खुराक पिलाने के 2 घंटे बाद (पीपी) मापा जाता हैं।
- यह परीक्षण अक्सर गर्भावधि मधुमेह का पता लगाने के लिए किया जाता हैं, जो सबसे पहले गर्भावस्था में ही प्रकट होता हैं।
- यदि पीपी का परिणाम असामान्य होता है, तब इस स्थिति का निम्नानुसार निदान किया जा सकता है:
- प्रारम्भिक मधुमेह या क्षीण ग्लूकोज सहनशीलता (आई जी टी) - 140-199 मिलीग्राम / डीएल 2 घंटे में
- मधुमेह - 2 घंटे में 200 मिलीग्राम / डीएल
- परीक्षण संवेदनशील है। हालांकि, यह करना काफी जटिल हैं।
क्रमहीन (रैंडम) प्लाज़्मा ग्लूकोज स्तर:इस परीक्षण को बिना खाली पेट रखे दिन के किसी भी समय मापा जा सकता है।
- परीक्षण बहुत संवेदनशील नहीं है और आमतौर पर इसे वरीयता नहीं दी जाती।
- जो लोग पॉलीयूरिया, पॉलीडिप्सिया, पॉलीफागिया और वजन घटने के अस्पष्ट कारणों के लक्षणों से पीड़ित हैं, इस तरह के रोगियों में डायबीटिस की पुष्टि करने के लिए यह विशेष रूप से उपयोगी हैं।
- यदि परीक्षण का परिणाम 200 मिलीग्राम / डीएल आता हैं तो रोगी के मधुमेह होने की संभावना की पुष्टि हो जाती हैं।
रक्त शर्करा के स्तर की निरंतर निगरानी करने के उपकरण भी उपलब्ध हैं। इंसुलिन पंप का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के लिए यह उपकरण अत्यंत आवश्यक हैं।