यूनिसेफ, कोविड-19 वैक्सीन की विश्वव्यापी आपूर्ति में मदद करेगा
भोजन, कोविड-19 संक्रमण के संचरण का एक प्राथमिक स्रोत नहीं हो सकता है, लेकिन सार्स-कोविड-2 वायरस, भोजन के परिवहन और भंडारण से जुड़े समय और तापमान के बावजूद भी बच सकता है। जो लोग इन संक्रमित भोजन की पैकिंग या खाने से जुड़े हुये हैं, वे लोग इस रोग से संभावितः संक्रमित हो सकते हैं।
जो लोग कीड़े और रोगाणुओं से चिढ़ते हैं, वे लोग कोरोनोवायरस महामारी के दौरान निवारक उपायों में अधिक संलग्न पाए गए हैं, जैसे कि लगातार हाथ धोना और एक दूसरे से दूरी बनाये रखना ।
कोरोनावायरस को एक तीव्र उत्तेजक, संवेदनशील बीमारी के रूप में पहचाना जाना चाहिए। जो संक्रमण की गंभीरता के फलस्वरूप प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं में अपचयन का कारण बन कर, वायरस से सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा विकसित ना करने में असमर्थ हैं।
कोरोनिल नामक आयुर्वेदिक औषधी, बाबा रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि आयुर्वेद संस्थान ने विकसित की हैं। दवा का उपयोग सैकड़ों वायरस से ग्रस्त रोगियों पर किया गया और 100 प्रतिशत अनुकूल परिणाम मिले हैं।
कोविड़-19 की गंभीर फेफड़े की संक्रमणता से ग्रस्त रोगीयों को उल्टा या अधोमुख सुलाने से उनमें सुधार
लंबे समय तक भय और चिंता, जो कोरोनावायरस महामारी जैसे प्रमुख तनावों द्वारा होती हैं, इस से न केवल एक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव हो सकता हैं, बल्कि आदमी के शुक्राणु रचना पर भी इसका स्थायी प्रभाव हो सकता हैं, जो उनके भविष्य की वंश प्रणाली को प्रभावित कर सकता हैं।
क्या पालतू जानवरो से या चिकन खाने से कोविड़-19 का संक्रमण हो सकता है? विशेषज्ञों के अनुसार कोरोनोवायरस के प्रकोप से पशु धन और मुर्गी पालन में कोई ध्यान देने योग्य संक्रमण नहीं होता हैं।
एक नए अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनावायरस कई घंटों तक हवा में रहता है और कुछ सतहों पर घंटों से लेकर, दिनों तक रह सकता है, यह पदार्थ पर निर्भर करता हैं।
मेलबर्न विश्वविद्यालय और रॉयल मेलबोर्न अस्पताल के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किये गये एक नए अध्ययन में, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के पहले नोवेल कोरोनावायरस के रोगियों में से एक की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को संलेखित किया गया, जो शरीर को वायरस से लड़ने और संक्रमण से उबरने की क्षमता दिखा रहा था।
एक नये अध्ययन के अनुसार, लोग जिनके रक्त का समूह ‘ए’ हैं, उनमें कोरोनावायरस (कोविड़ -19 ) होने की अधिक संभावनायें हैं। हालांकि, रक्त समूह ’ओ’ वाले लोगो में इस घातक वायरस से संक्रमित होने की जोखिम कम हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने राज्य में कोरोनावायरस के प्रसार के खिलाफ एहतियात के तौर पर 31 मार्च तक सभी शैक्षणिक संस्थानों, प्रशिक्षण संस्थानों, चिकित्सा और चिकित्सा से संबंधित संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया।
एक नए अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, नोवेल कोरोना वायरस हवा के कणों में घंटों तक जीवित रह सकता हैं, जिसे एरोसोल के रूप में जाना जाता हैं और यह सारस़ की तरह तेजी से फैल सकता हैं।
सरकार 21 दिनों की घरबंदी का उपयोग महामारी से लड़ने की रणनीति में अपर्याप्ततासे जुड़े मुद्दों को सुलझाने में करें, अन्यथा महाविनाश