कोविड़-19 की गंभीर फेफड़े की संक्रमणता से ग्रस्त रोगीयों को उल्टा या अधोमुख सुलाने से उनमें सुधार
चीन के वुहान जिनिन्टन अस्पताल में 12 मरीजों के इलाज के तरीके पर एक छोटा सा अध्ययन हुआ।
मरीजों को 24 घंटे की अवधि के लिए अधोमुख किया गया था, जिसमें उनका रक्त ऑक्सीजन का स्तर कम था। मरीजों के वेंटिलेटर पर उपकरणों द्वारा ऑक्सीजन का प्रवाह, फेफड़ों की मात्रा और वायुमार्ग के दबाव को मापा गया। अन्य माप लिए गए थे, जिसमें उनके वायुमार्ग मार्ग का वातन भी शामिल था और फिर से सुधार के मापदंड़ों को मापने के लिए गणना की गई थी। खोज में पाया गया कि-
- 1. एक सत्र में अधोमुख की स्थिति में सात मरीज को रखा गया। तीन रोगियों को अधोमुख स्थिति और ई.सीएम.ओ (जीवन समर्थन सहायता) दिया गया, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई।
- 2. जिन मरीजों को अधोमुख की स्थिति नहीं मिली, उनमें फेफड़े की स्थिति में सुधार नहीं हुआ और जिन मरीजों को बारी-बारी से सुपाइन या चित(चेहरा ऊपर की ओर) और अधोमुख की स्थिति में रखा गया उनकी प्रतिक्रिया बेहतर थी।
इस से यह निष्कर्ष निकलता हैं कि रोगी के अधोमुख होने की स्थिति में फेफड़े में सुधार होता हैं।
टीम में चार चीनी और दो कनाडाई अस्पतालों, मेडिकल स्कूलों और विश्वविद्यालयों से जुड़े वैज्ञानिक और चिकित्सक शामिल थे।
स्रोत-यूरेकाअर्ल्ट