Mita Majumdar द्वारा लिखित | Shaila Shroff द्वारा समिक्षित लेख on Jun 30 2017 6:39AM
त्वचा की रंजकता का क्या कारण हैं?
कभी-कभी, मेलेनिन उत्पादन विकृत हो जाते हैं, इसमें या तो बहुत कम या बहुत ज्यादा मेलेनिन का उत्पादन होता हैं, जिसके कारण त्वचा की रंजकता से संबंधित विकार उत्पन्न हो जाते हैं। इन स्थितियों के कारण त्वचा या तो हल्के या सामान्य से अधिक गहरे रंग की, या दाग-धब्बेदार और रंगहीन या फीकी दिखाई देती हैं। बहुत अधिक मेलेनिन के कारण गहरा रंग या हाइपरपिग्मेन्टेशन होता हैं और बहुत कम मेलेनिन का परिणाम साफ रंग या हाइपोपिग्मेंटेशन में होता हैं।
इनके मूल कारणों में आम तौर पर हार्मोन, या जैविक स्थितियों जैसे गर्भावस्था जैसे आंतरिक कारकों को जिम्मेदार ठहराया जाता हैं। बाहरी कारक जैसे पराबैंगनी विकिरण, जलन, या कुछ रसायनों के साथ संपर्क के कारण भी कभी-कभी रंजकता या पिग्मेंटेशन संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते हैं। तनाव और आहार असंतुलन, कई विकारों के पूर्ववर्ती भी त्वचा की रंजकता के कारण हो सकते हैं।
मेलेनिन ऑक्सीडेटिव प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला द्वारा बनाई जाती हैं जिसमें अमीनो एसिड टाइरोसिन शामिल होता हैं। एंजाइम टायरोसिनेस की उपस्थिति में ट्रायोसिन मेलेनिन में परिवर्तित हो जाता हैं। इसलिए अगर एंजाइम की कार्रवाई बंद हो जाती हैं, तो मेलेनिन रंगद्रव्य का गठन रोका जा सकता हैं।
अधिकांश डिपिग्मेंटिंग एजेंट इस प्रकार के एंजाइम को लक्षित करते हैं। हालांकि, यह एजेंट कुछ लोगों में कैंसर और अर्कोनोसिस (ऊतकों के नीले-काले रंग का मलिनकिरण) के कारण भी हो सकते हैं। ऐसी परिस्थितियों में, सामान्य रंजकता विकारों के उपचार के लिए घरेलू उपचारों को प्रयोग में लाना एक अच्छी समझदारी हैं।
त्वचा की रंजकता के विकारों के साथ खुजली भी हो सकती हैं।
यहाँ कुछ सामान्य त्वचा रंजकता विकार और उनके घरेलू उपचार दिये गये हैं। त्वचा रंजकता के इन घरेलू उपचारों का प्रयोग करने से परिणाम दिखने में कुछ समय लग जाता हैं। यह रोग की स्थिति पर निर्भर करता हैं कि इनके दैनिक उपचार में कितना समय लगेगा। यह अवधी
एक सप्ताह से 6 महीने तक की भी हो सकती हैं।
त्वचा रंजकता विकार और उनके घरेलु उपचार
1. झाईयां
यह एक त्वचा रंजकता संबंधी विकार हैं जो चेहरे पर धूप के झुलसने या भूरे रंग के धब्बों (पैच) के रूप में विशेष रूप से माथे, गालों, ऊपरी होंठ, नाक और ठोड़ी पर दिखाई देता हैं। झाईयां आमतौर पर गर्भवती महिलाओं में देखी जा सकती हैं। यह दाग-धब्बे आम तौर पर गर्भावस्था के बाद फीके पड़ जाते हैं, लेकिन कभी-कभी वे काफी समय के बाद भी नहीं मिटते। यह गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने या रजोनिवृति के बाद एस्ट्रोजन पर महिलाओं में भी हो सकता हैं। खैर, पुरुषों को भी कभी-कभी झाईयां हो सकती हैं। कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सक यह मानते हैं कि यह विकार पोषक तत्वों की कमी के कारण भी हो सकते हैं, जिससे पुरुषों को भी झाईयां हो सकती हैं।
झाईयों के लिए घरेलू उपचारः
नारंगी का लेपः एक नारंगी के छिलके को बारीक पीस कर दूध के छोटे चम्मच में मिलाकर उसका लेप या पेस्ट बनाएं। आधे घंटे तक रखने के बाद प्रभावित स्थान पर इस लेप के साथ धीरे से मालिश करें और गुनगुने पानी से धो लें। सप्ताह में कम से कम 3 से 4 बार इस लेप को अपने चेहरे पर लगाकर उसकी परत को उतारें। परत उतारने से कोशिकाएं नयी जैसी हो जाती हैं और ऐसा करने से कोशाणु (सेल्स) नये जैसे हो जाते हैं और सूजन दूर हो जाती हैं।
गहरे धब्बों को हल्का करने के लिए घृतकुमारी या ऐलोवेरा जूसः प्रभावित स्थान पर आराम से ऐलोवेरा जूस या जेल लगाएं और 15 मिनट के लिये छोड़ दें। इसके बाद गुनगुने पानी के साथ इसे धो दें। ऐलोवेरा में म्यूसीलेगिनस पॉलीसेकेराइड्स सम्मिलित होते हैं जो प्रभावी रूप से गहरे धब्बों को हल्का करते हैं।
हल्दी पाउडर और दूधः 10 छोटे चम्मच दूध में 5 छोटे चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर लेप बनायें और इसे अपने सारे चेहरे पर लगाएं। धीरे से अपने चेहरे पर इसकी मालिश करें और 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो दें।
बादाम और शहद का फेस पैकः बादाम और शहद को मिलाकर एक फेस पैक बनाएं। इसे लगाने के 15 मिनट बाद धोएं।
त्रिफला चूर्णः आयुर्वेदिक चिकित्सक उपचार में तेजी लाने के लिए सोने से पहले त्रिफला चूर्ण का एक बड़ा चम्मच गुनगुने पानी में लेने की सलाह देते हैं।
सनस्क्रीन का उपयोग करें: सूर्य की रोशनी से त्वचा को नुकसान पहुंचता हैं, इसलिए हर समय बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन का प्रयोग अवश्य करें।
2. सफेद दाग (विटिलिगो)
सफेद दाग या विटिलिगो एक ऐसा विकार हैं जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वर्णक कोशिकाओं (पिग्मेंट सेल्स) पर हमला करती हैं, और जिसके परिणामस्वरूप पिगमेंट्स की क्षति चिकनी, सफेद त्वचा के धब्बों के रूप में, आमतौर पर मुंह और आंखों के आसपास या कुछ लोगों के हाथों के पीछे हो सकता हैं। कुछ लोगों की त्वचा का रंग पूरे शरीर में बिगड़़ सकता हैं। सफेद दाग या विटिलिगो तब उत्पन्न हो सकते हैं जब आप मधुमेह, प्रचंड एनीमिया (रक्त की कमी), थायरॉयड रोग, या एडिसन जैसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली रोगों से पीड़ित होते हैं। यद्यपि वास्तव में इस विकार का कोई उपचार नहीं हैं, कुछ घरेलू उपायों का इस स्थिति में उपचार करने में मदद मिल सकती हैं, लेकिन जब तक आपको सुधार महसूस हो इस उपचार में काफी समय लग जाता हैं।
सफेद दाग (विटिलिगो) के लिए घरेलू उपचारः
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें: लाईफ फोर्स के निदेशक डा. राजेश शाह खट्टे खाद्य पदार्थों या खट्टे रस वाले फलों का सेवन करने से बचने के लिये कहते हैं। इसका प्रमुख कारण यह हैं कि खट्टे खाद्य पदार्थ शरीर के पीएच संतुलन को अम्लीय पदार्थ में बदल देते हैं, लेकिन मेलेनिन उत्पादन के लिए, आपको अधिक क्षारीय (Alkaline based) पदार्थों के सेवन करने की आवश्यकता होती हैं। समुद्री खाद्य पदार्थों का भी सेवन करने से बचें क्योंकि उनमें पारे जैसे दूषित पदार्थ पाए जाते हैं।
जल की कमी (हाइड्रेटेड) को पूरा करें: एक तांबे के पात्र में रोजाना रातभर पीने का पानी पीना आपके शरीर में सफेद दाग के धब्बे कम करने में सहायता करता हैं। इसे अपनी रोजमर्रा की आदत बनाएं।
हल्दी और सरसों के तेल का लेपः हल्दी पाउडर के 5 छोटे चम्मचों को सरसों के 250 मिली तेल में मिलायें । इस मिश्रण को प्रभावित क्षेत्र में दिन में दो बार अवश्य लाएं। इसके परिणामों में एक साल तक का समय लग सकता हैं।
बकूची और नारियल तेल का मिश्रणः बाकूची के बीजों को पीसकर उसका पाउडर नारियल के तेल में मिला प्रभावित स्थान पर लगायें । यह सिर्फ घरेलू उपाय ही नहीं हैं, अपितु सफेद दागों का प्रभावी उपचार करने के लिये आप बाकूची का तेल भी बाज़ार से खरीदकर प्रभावित स्थान पर लगा सकते हैं।
बाकूची और इमली के बीजः जिस पात्र में आप चावल धोते हैं उसमें बाकूची और इमली के बीज भिगोकर एक सप्ताह तक सुरक्षित रखें। इसे एक लेप के रूप में पीस दें और सफेद दाग के धब्बों पर मलें। ऐसा कहा जाता हैं कि इससे बड़ी शीघ्र आराम मिलता हैं।
अदरक का रसः प्रभावित क्षेत्र में अदरक का रस और लाल मिट्टी का लेप लगायें । इस विधि द्वारा राहत पहुंचने में काफी लंबा समय लग सकता हैं, लेकिन यह बहुत ही प्रभावी हैं।
मूली के बीज और सिरकाः सफेद मूली के बीजों का 25 ग्राम पाउडर और दो चम्मच सिरका मिलायें । इसे रोजाना दाग धब्बों पर मलें। इस उपचार में भी अच्छा खासा समय लग जाता हैं।
अति रंजकता (हाइपरपिग्मेंटेशन) या त्वचा के रंग में असामान्य परिवर्तन (हाइपोपिग्मेंटेशन) के बाद सूजन
कभी-कभी, त्वचा का संक्रमण, फफोले, धब्बे, धूप से झुलसना, अन्य तरह की जलन या आपकी त्वचा के लिए अन्य आघात से प्रभावित क्षेत्र में पिग्मेंटेंशन में वृद्धि या कमी हो सकती हैं। इस तरह के पिग्मेंटेशन बदलाव को दूर किया जा सकता हैं और ऐसी स्थितियों के लिये घरेलू उपचार बहुत अच्छी तरह से कारगर होते हैं।
हाइपर या हाइपोपिग्मेंटेशन के लिए घरेलू उपचारः
बादाम, क्रीम और नींबू रस के पैकः 5 बादाम, ताजा क्रीम और नींबू के रस की कुछ बूंदों के साथ लेप बनाएं। प्रभावित क्षेत्र पर इस लेप को लगाएं और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। और फिर इसे पानी से धो लें।
सूर्य के झुलसने से राहत के लिये पपीता फेस पैकः पपीते को फेंटकर या उसका रस निकालकर प्रभावित स्थान पर लगायें । यह दाग-धब्बों और सनबर्न या सूर्य के झुलसने के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय हैं, इसके अतिरिक्त यह आपकी त्वचा की रंगत को मुलायम और उसमें सुधार करेगा।
टमाटर का रस, जई का आटा और दही का मिश्रणः टमाटर रस, 2 बड़े चम्मच जई का आटा, और दही के आधे छोटे चम्मच से मिश्रण तैयार करें। सफेद दाग पर उसे लगायें और थोड़ी देर के बाद उसे धो दें (या जब वह पूरी तरह से सूख जाता हैं)। ऐसा तब तक रोजाना दोहराते रहें जब तक आपको सुधार दिखाई नहीं देता।
हल्दी पाउडर और नींबू का रसः एक छोटे हल्दी पाउडर के चम्मच में एक छोटा चम्मच नींबू का रस मिलाएं। इस लेप को प्रभावित स्थान पर लगाएं और 15 मिनट के लिये लेप लगा रहने दें। थोड़ी देर बाद पानी से उसे धो लें। इस लेप को लगाकर धूप में बाहर मत जाएं।
सूर्य की जलन के लिये एलोवेरा जेलः सनबर्न के लिए एलोवेरा जेल अतिशीघ्र आराम देता हैं। ऐलोवेरा का एक पत्ते को बीच में से काटकर जले हिस्से पर सीध मल दें। जब तक आपको आराम नहीं पहुंचता तब तक 4 से 6 बार रोजाना ऐसा करते रहें।
सूर्य की जलन से मकई का आटाः सूर्य की जलन के लिये मकई का आटा मलना काफी कारगर उपाय हैं। हालांकि, यदि जलन बहुत अधिक तीव्र हैं तब उस पर कुछ भी मत लगाएं।
गहरी रंजकता पिग्मेंटेशन को कम करने के लिए पुदीने की पत्तियां: पुदीने की कुछ पत्तियों को पीसकर पानी के साथ मिलाकर लेप बनाएं। गहरी पिग्मेंटेशन कम करने के लिये, सफेद दाग धब्बों पर इस लेप को मलें और 15 मिनट के बाद अच्छी तरह धो दें।
नींबू के रस का क्लींज़रः नींबू के आधे टुकड़े को चेहरे पर रगड़ें, हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने का यह एक ओर सरल उपाय हैं। यदि आप यह करने में सहज महसूस नहीं करते हैं तब नींबू के रस को पानी में मिलाएं और उसे कलींज़र के रूप में इस्तेमाल करें।
अरंजकता
अरंजकता एक वंशागत विकार हैं जो मेलेनिन पिग्मेंट की अनुपस्थिति के कारण होता हैं। यह त्वचा, बालों या आँखों में हो सकता हैं। दुर्भाग्य से पारंपरिक चिकित्सा में इसके लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं हैं, मात्र घरेलू उपाय ही सुलभ हैं। अरंजकता से पीड़ित लोगों को हर समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि उन्हें सूर्य की क्षति और त्वचा कैंसर का सबसे अधिक नुकसान होने की संभावनाएं होती हैं ।