ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया को अतीत में 'पिकविकियन सिंड्रोम' कहा जाता था, क्योंकि चार्ल्स डिकेंस की 'द पिकविक पेपर्स' किताब में वर्णित मोटा लड़का 'जो' मोटापा, नींद, खर्राटे लेने वाला,और जलोदर (ड्रॉप्सी) के विशिष्ट लक्षण वाला चित्रित किया गया था।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) नींद से जुड़ा एक ब्रीदिंग डिस ऑर्डर है। इसमें ऊपरी वायुमार्ग में रूकावट आती हैं, इसकी वजह से सोते समय सांस बार-बार रुकती और फिर चलती है। इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति की नींद में सांस रुक जाती है और उसे पता भी नहीं चलता। नींद में सांस रुकने की ये समस्या कुछ सेकंड्स से लेकर एक मिनट तक हो सकती है।
'एपनिया', जिसका अर्थ ग्रीक में 'बिना सांस' है, इसके पीड़ितों की नींद के दौरान बार-बार सांस रूक जाती है, अक्सर 10 सेकंड या उससे अधिक के लिए और कभी-कभी एक मिनट या उससे अधिक समय के लिए भी। सांस लेने में रुकावट के ये प्रकरण मरीज के लिये खतरनाक हैं और ये रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा में गिरावट का कारण बनते हैं। ऑब्सट्रक्टिव प्रकरण की आवृत्ति एक घंटे में 30 बार या इस से भी अधिक हो सकती है। स्लीप एपनिया या तो वायुमार्ग के पूर्ण रुकावट (ऑब्सट्रक्टिव एपनिया) या आंशिक रुकावट (ऑब्सट्रक्टिव हाइपोपनिया) के कारण हो सकता है, दोनों में ही व्यक्ति को सांस लेने में सुविधा के लिए नींद से जगा सकते हैं।
ऑक्सीजन संतृप्ति में गिरावट दिल और दिमाग दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है और व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। रुकावट की प्रक्रिया से नींद की खराब गुणवत्ता, रात में जागना और दिन के समय और काम पर नींद में वृद्धि हो सकती है। यह जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसके अलावा खर्राटे भी जीवन साथी को जगाए रख सकते हैं।