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कोरोनावायरस कई घंटों तक हवा में और कुछ सतहों पर कई दिनों तक रह सकता है

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एक नए अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार नोवेल कोरोनावायरस रोग 2019 (कोविड़-19) हवा में और कुछ सतहों पर कई घंटों तक रहता है। अध्ययन के निष्कर्ष न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं।

वैज्ञानिकों ने पाया कि गंभीर तीव्र श्वसन लक्षण वाला कोरोनावायरस 2 (SARS-CoV-2) हवा में तीन घंटे, तांबे पर चार घंटे तक, कार्डबोर्ड पर 24 घंटे तक और प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर दो से तीन दिन तक सजीव रहता हैं। ये परिणाम सार्स-कोविड-2 की स्थायित्वता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं, जिसके कारण से कोविड़-19 रोग बनता हैं। उन्होने कहा है कि लोग हवा के माध्यम से और कोरोनावायरस से दूषित वस्तुओं को छूने के बाद, इस वायरस का अधिग्रहण कर सकते हैं। इस अध्ययन की जानकारी पिछले दो हफ्तों के दौरान व्यापक रूप से साझा की गई थी, जब शोधकर्ताओं ने इस डेटा को अपने सहयोगियों को एक प्रीप्रिंट सर्वर पर भेजा था।

रॉकी माउंटेन लैबोरेट्रीज़ के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज़ 'मोंटाना फैसिलिटी' से NIH के वैज्ञानिकों ने तुलना की कि कैसे वातावरण सार्स-कोविड-2 (SARS-CoV-2), और सार्स-कोविड-1 (SARS-CoV-1), को प्रभावित करता हैं, जो सार्स के फैलने का कारण बनता है। सार्स-कोविड-1 (SARS-CoV-1), ने 2002 और 2003 में चीन से निकल कर, दुनिया भर के 8,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया था। सार्स-कोविड-1 को गहन संपर्क पहचान और मरीजों को अलगाव या पृथक्रीकरण की प्रक्रिया द्वारा मिटा दिया गया था और 2004 के बाद इसका कोई भी मामला सामने नहीं आया हैं। यह खेदजनक हैं कि हम यह समझाने में विफल रहे हैं कि स्थायित्वता के अध्ययन में ये दोनों वायरस समान व्यवहार करते हैं, लेकिन फिर कोविड -19 इतना बड़ा प्रकोप क्यों और कैसे बन गया हैं।

वैज्ञानिकों ने संक्रमण की अवधी जानने के लिये एक विशेष प्रतिबंधित वातावरण मे वायरस की नकल करने का प्रयास किया। उन्होने वह कृत्रिम परिस्थिति उत्पन्न की जिसमें किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा घर या अस्पताल में खांसने या छूने वाली वस्तुओं के माध्यम से रोजमर्रा की विभिन्न वस्तुओं की सतहों पर वायरस जमा होता हैं। तब इन जमा होने वाले वायरस की जांच करके उन्होने यह पता लगाया कि इन सतहों पर वायरस कितने समय तक संक्रामक रहते हैं।

वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन से अतिरिक्त टिप्पणियों पर प्रकाश डाला:

  • यदि दोनों कोरोनावायरस, की व्यवहार्यता समान है, तो सार्स-कोविड-2 के अधिक मामलों में क्यों हो रहे है? प्रमाण यह बतलाते हैं कि सार्स-कोविड-2 से संक्रमित लोग बिना पहचाने या लक्षणों की पहचान होने से पहले ही, अनजाने में ही लोगों में वायरस फैला सकते हैं। शायद इसलिये रोग नियंत्रण के उपाय जो सार्स-कोविड-1 के नियंत्रण में प्रभावी थे, वे इसके मुकाबले में कम प्रभावी सिद्ध हुये हैं।
  • सार्स-कोविड-1 के विपरीत, सार्स-कोविड-2 के वायरस संचरण के अधिकांश माध्यमिक मामले स्वास्थ्य सेवा के स्थान के बजाय सामुदायिक परिस्थिति में ज्यादा दिखाई देते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य देखभाल का स्थान सार्स-कोविड-2 के परिचय और प्रसार के लिए अत्यंत असुरक्षित हैं, क्योंकि हवा-कणों में और विभिन्न सतहों पर सार्स-कोविड-2 की स्थायित्वता, स्वास्थ्य देखभाल के वातावरण में वायरस के संचरण में योगदान देता हैं।

इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता हैं कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवर इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन वायरस के लिए जो सावधानियों का उपयोग करते हैं, सार्स-कोविड-2 के प्रसार को रोकने के लिए निम्न उन्ही सावधानियों का उपयोग करें:

  • जो लोग बीमार हैं, उनसे निकट संपर्क से बचें।
  • अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें।
  • बीमार होने पर घर पर रहें।
  • खाँसते या छींकते समय मुँह को एक टीशू या रूमाल से ढँके, फिर टीशू को कचरे में फेंक दें।
  • नियमित रूप से घर में छुई हुई वस्तुओं और उनकी सतहों को कीटाणुरहित स्प्रे से पोंछ कर सफाई करें ।


  • स्रोत-यूरेकाअलर्ट

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