मेलबर्न विश्वविद्यालय और रॉयल मेलबोर्न अस्पताल के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किये गये एक नए अध्ययन में, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के पहले नोवेल कोरोनावायरस के रोगियों में से एक की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को संलेखित किया गया, जो शरीर को वायरस से लड़ने और संक्रमण से उबरने की क्षमता दिखा रहा था। कोविड़-19 वायरस के प्रति रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे प्रतिक्रिया करती है, इस अध्ययन की रिपोर्ट
"नेचर मेडिसिन जर्नल" में प्रकाशित हुई। यह पहली बार था जब कोविड़-19 के लिए व्यापक प्रभावशाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं प्रतिवेदित की गई।
उन्होंने इन्फ्लूएंजा से पीड़ित रोगियों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का कई वर्षों से अर्जित ज्ञान का उपयोग, कोविड़-19 के रोगी की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया, से विस्तारपूर्वक तुलनात्मक अध्ययन करने में किया। रोगी को भर्ती किए जाने के तीन दिन बाद, प्रतिरक्षा कोशिकाओं की एक बड़ी संख्या रक्त में पाई गई, जो अक्सर मौसमी इन्फ्लूएंजा संक्रमण के दौरान ठीक होने का एक संकेत हैं, इसलिए उन्होंने भविष्यवाणी की कि रोगी तीन दिनों में ठीक हो जाएगा और ठीक वैसे ही हुआ।
शोध टीम ने SETREP-ID (सेंटीनल ट्रैवलर्स एंड़ रिसर्च प्रीपेयरड़नैस फॉर एमरजींग इन्फैक्शस ड़ीस़ीज़ ) का इस्तेमाल किया । SETREP-ID एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो एक नए और अप्रत्याशित संक्रामक रोग के प्रकोप की स्थिति में लौटे यात्रियों के जैविक नमूने जमा करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में कोविड़-19 की शुरुआत ऐसे ही हुई। लेकिन जैसे ही यह महामारी शुरू हुई उन्होने पहले से ही लागु नैतिकता और प्रोटोकॉल के तहत वायरस और प्रतिरक्षा प्रणाली को तत्काल विस्तार से देखना शुरू कर दिया।
शोधकर्ता टीम ने कोविड़-19 के रोगीयों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सफलता से विच्छेदित कर, समालोचना कर के उन्हें पुनः आरोग्य प्राप्ति में मदद की। यह संभव हो सकता हैं कि इस से हमें एक प्रभावी टीका खोजने की राह मिल जायें।
इससे पता चलता हैं कि भले ही कोविड़-19, एक स्वस्थ व्यक्ति में, एक नए वायरस के कारण होता है, लेकिन जैसे कि इन्फ्लूएंजा में देखा जाता हैं कि विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं द्वारा की गई का एक सुदृढ़ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया ही रोगीयों को रोग निवृत्ति की ओर ले जाती हैं, उसी तरह कोविड़-19 में भी।
स्रोत- यूरेका अलर्ट