Medindia Content Team द्वारा लिखित | Shaila Shroff द्वारा समिक्षित लेख on Jun 12 2017 6:55AM
योग का सच्चा सार हमारी जीवन शक्ति को ऊपर उठाने के आसपास घूमता हैं या फिर रीढ़ की हड्डी के पास स्थित ‘कुंडलिनी’ को जागृत करने में। इसे शारीरिक और मानसिक अभ्यासों की श्रृंखला के माध्यम से प्राप्त करना होता हैं। शारीरिक स्तर पर इस पद्धति में विभिन्न योग मुद्राएं या ‘आसन’ शामिल हैं, जिनका प्रमुख उद्देश्य शरीर को स्वस्थ रखना हैं। मानसिक तकनीक में मन को अनुशासित करने के लिए श्वसन व्यायाम या ‘प्राणायाम’ और मैडिटेशन या ‘ध्यान’ शामिल हैं।
“योग लेता हैं। योग देता हैं।” - अप्रैल वैल्लई
योग का अंतिम लक्ष्य व्यक्ति को स्वयं से ऊंचे उठा कर ज्ञानोदय की उच्चतम अवस्था प्राप्त करने में मदद करना हैं। जैसा कि भगवद् गीता में कहा गया है कि, “व्यक्ति स्वयं से संयोग कर के, मन को पूरी तरह से अनुशासित कर सभी इच्छाओं से स्वतंत्र हो कर, जब केवल स्वयं में लीन हो जाता हैं, तभी उसे योगी माना जाता हैं।”
योग का महत्व
योग कोई धर्म नहीं है, यह जीने की एक कला हैं जिसका लक्ष्य हैं- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन ।
मनुष्य का अस्तित्व शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक हैं, योग इन तीनों के संतुलित विकास में मदद करता हैं। शारीरिक व्यायाम के अन्य रूप, जैसे एरोबिक्स, केवल शारीरिक तंदरूस्ती को ही सुनिश्चित करते हैं। उनमें आध्यात्मिक या सूक्ष्म शरीर के विकास के लिये कुछ नहीं हैं।
योगिक अभ्यास शरीर में दुबारा से ब्रह्माण्डीय ऊर्जा भर देते हैं और निम्न सुसाध्य करते हैं-
- सही संतुलन और सद्भाव प्राप्त करने में
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स्व-चिकित्सा प्रोत्साहित करता हैं
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शरीर से विषाक्त पदार्थ और मन से नकारात्मक विचार को बाहर निकाल देता हैं
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व्यक्तिगत शक्ति में वृद्धि करता हैं
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आत्मबोध में सुधार करता हैं
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सजकता, ध्यान और एकाग्रता में मदद करता हैं, जो कि बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं
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परानुकंपी तंत्रिका तंत्र ( पैरास्मिपैथिक नरवस स्सिटम ) को सक्रिय करके भौतिक शरीर के तनाव और तनावग्रस्तता में कमी करता हैं।
योग साधक फिर से युवा और उत्साहित महसूस करते हैं। इस प्रकार, योग प्रत्येक साधक को शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए शक्ति प्रदान करता हैं।
योग के लाभ
योग के अभ्यास की कला व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। यह भौतिक और मानसिक संतुलन कर के शान्त शरीर और मन प्राप्त करवाता हैं। तनाव और चिंता का प्रबंधन करके आपको राहत देता हैं। यह शरीर में लचीलापन, मांसपेशियों को मजबूत करने और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में भी मदद करता हैं। यह श्वसन, ऊर्जा और जीवन शक्ति में सुधार लाता हैं। योग का अभ्यास करने से ऐसा लगता हैं कि जैसे यह मात्र शरीर को खींचने या तानने तक ही सीमित हैं, लेकिन आप जैसा देखते हैं, महसूस और गतिविधि करते हैं, उससे कहीं अधिक यह आपके शरीर को करने में सक्षम करता हैं।
योग आसन शक्ति, लचीलापन और आत्मविश्वास का निर्माण करते हैं। योग का नियमित अभ्यास करने से वज़न में कमी, तनाव से राहत, प्रतिरक्षा में सुधार और एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने में मदद प्राप्त हो सकती हैं।
2014 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया हैं क्योंकि गर्मियों में सूर्य उत्तरी बिंदु पर स्थित होता हैं, उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता हैं।
“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह 5000 साल पुरानी परंपरा है। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कार्य, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच सद्भाव, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण हैं। यह सिर्फ व्यायाम के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप, दुनिया और प्रकृति के साथ एक होना हैं। हमारी जीवन शैली में बदल कर और चेतना विकसित कर, यह तंदरूस्ती प्रदान करने में मदद कर सकता हैं। आइए हम एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अपनाने की दिशा में काम करते हैं।“ - नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा, सितंबर 2014।