अनचाहे गर्भ को रोकने और दूर के लिए चौकस उपायों की जरूरत हैं। जो महिला गर्भधारण करने के लिए तैयार नहीं हैं, उनके लिए यह जरूरी हैं कि वह सुरक्षित गर्भ नियंत्रण उपायों के महत्व को समझें । गर्भ नियंत्रण के लिए कई चिकित्सीय गर्भनिरोधक तकनीक प्रभावी हैं और उसके कई नुकसान भी हैं । अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए केवल महिला ही नहीं पुरुषों के लिए भी गर्भ नियंत्रण विकल्प या निवारक उपाय हैं।
प्रकृति के पास हर मर्ज की दवा हैं और गर्भ नियंत्रण इससे अछूता नहीं हैं। कई ऐसे सस्ते घरेलू उपाय हैं, जिससे अनचाहे गर्भ को रोका जा सकता हैं, हालांकि वह उपाय उतने कारगर नहीं हैं।
कैसे करे गर्भ नियंत्रण ?
प्रसव के दौरान महिलाओं को अनचाहे गर्भधारण से बचना चाहिए क्योंकि इसका असर उनके प्रजनन क्रिया को प्रभावित करता हैं । पहले और दूसरे बच्चे के बीच महिलाओं को तीन साल अंतर रखना चाहिए । ताकि उनके शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके और गर्भधारण के लिए वह बिल्कुल स्वस्थ हो सकें। स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं। अजन्मे बच्चे के अच्छे शारीरिक और मानसिक सवास्थ्य के लिए गर्भ नियंत्रण काफी महत्वपूर्ण हैं। बढ़ती आबादी जैसी समस्या को दूर करने के लिए गर्भ नियंत्रण एक महत्वपूर्ण व अनिवार्य उपाय हैं।
गर्भ नियंत्रण के कुछ घरेलू उपाय :
गर्भ नियंत्रण के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को उपयुक्त और प्रभावी गर्भ नियंत्रण विकल्प को अपनाना चाहिए । कई प्राकृतिक उपाय गर्भ नियंत्रण के लिए आसान और सुरक्षित हैं, जिसे घर में भी व्यवहार में लाया जा सकता हैं। हालांकि ये उपाय उतने कारगर नहीं होते, इसे तभी व्यवहार में लाना चाहिए जब आपके पास गर्भ रोकने के लिए और कोई उपाय नहीं हैं।
गर्भ नियंत्रण के विभिन्न उपायों पर एक नजर :-
1. भौतिक तरीका
कैलेंडर उपाय : कैलेंडर तरीका वह उपाय हैं, जिसमें मासिक धर्म-चक्र को अंकित करके, किस समय अण्डोत्सर्ग होने से गर्भ धारण करने की ज्यादा सम्भावना होती हैं, यह पता लगाया जाता हैं । अनचाहे गर्भ से बचने का यह सबसे सुरक्षित तरीका हैं । कम से कम 12 महिनों के मासिक धर्म-चक्र को अंकित करना चाहिए। सबसे कम दिन की मासिक चक्र की अवधी से 18 दिन घटाएं और लम्बे मासिक चक्र से 11 दिन घटाने पर जो दिन निकलता हैं, वहीं गर्भ घारण करने का समय हैं।
खुद की प्रजनन क्षमता का पता करने के लिए, इस दौरान अनचाहे गर्भ धारण से बचने के लिए सुरक्षा उपायों का इस्तमाल करें या फिर संभोग से बचें ।
ताप तरीका : डिंबोउत्सर्जन के समय शरीर का तापमान बढ़ जाता हैं । रोजाना दिन में तीन बार शरीर का तापमान नापें जिससे पता चले की डिंबोउत्सर्जन कब हो रहा हैं । इस दौरान अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए संभोग से बचें अथवा सुरक्षा उपाय जैसे कंडोम आदि को व्यवहार में लायें ।
कंडोम : गर्भनिरोध का यह सबसे जाना-माना तरीका हैं । संभोग के वक्त कंडोम के इस्तेमाल से गर्भ नहीं ठहरता और यौन संक्रमण रोग से भी सुरक्षा मिलती हैं । बहुत कम ही ऐसा होता हैं कि यह तरीका काम न करे । संक्रमण से बचने के लिए व्यक्ति को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए ।
2. गर्भ निरोध के लिए जड़ी बूटियां :
जंगली गाजर के बीज : जंगली गाजर के बीज प्रोजेस्टेरोन सिंथेसिस में असंतुलन पैदा कर के अंड रोपन में बाधा उत्पन्न करते हैं । असुरक्षित संभोग के बाद इसके बीज को सात दिनों तक लेना चाहिए । इसे चाय के साथ भी ले सकते हैं । इसके प्रयोग से पेट में कब्ज हो सकता हैं ।
कपास की जड़ की छाल : सूखे कपास की जड़ की छाल गर्भ निरोध में काफी लाभकारी होता हैं । इसे चाय या गरम पानी के साथ लेने से हार्मोन ऑक्सीटोकिन छोड़ता हैं, जो गर्भ धारण को रोकता हैं ।
नीम : नीम शुक्राणु नाशक बूटी हैं, जिसका प्रयोग प्राचीन काल से गर्भनिरोध के लिए किया जा रहा हैं। इस भारतीय आयुर्वेदिक दवा को पत्तियों व उसके तेल के रूप में लिया जा सकता हैं । हालांकि इससे शुक्राणु के उत्पादन में कोई प्रभाव नहीं होता । अनचाहे गर्भ को धारण करने से बचने के लिए पुरुष और स्त्री दोनों को नीम की पत्तियों व तेल का सेवन करना चाहिए । योनी के माध्यम से महिला के अंदर नीम के तेल को शरीर के अंदर डालने से आंशिक रूप से बांझपन आता हैं, जिसका असर एक साल तक रहता हैं।
पुदिना : अनचाहे गर्भ को धारण करने से रोकने के लिए पुदिना एक आसान उपाय हैं। गर्भ निरोध के लिए यह काफी प्राचीन विद्या हैं, जिसे चाय के साथ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लिया जाता हैं। जरूरत से अधिक सेवन हानिकारक भी साबित हो सकता हैं। इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी हैं।
ब्लैक एंड ब्ल्यू कोहोश : ब्लैक एंड ब्ल्यू कोहोश ऑक्सीटोकिन हार्मोन के निस्तार को बढ़ाता हैं और जिससे गर्भाशय की दीवार का संकुचन होता हैं और गर्भधारण रोकने में मदद मिलती हैं। इस खुराक को कैसे लेना चाहिए इसके लिए डाक्टर की सलाह जरूरी हैं। गर्भ धारण से बचने के लिए इसे मदिरा के रूप में लिया जाता हैं।
अजवायन : गर्भ धारन करने से बचने के लिए अजवायन काफी उपयोगी दवा हैं । इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते जो इसके सबसे बेहतर आयुर्वेदिक गर्भ निरोधक उपाय बनाता हैं ।
3. फल और मेवे :
खट्टे फल : गर्भ निरोधन के लिए खट्टा फल काफी बेहतर विकल्प होता हैं। नींबू, आमला और अमरूद में सिट्रिक एसिड काफी होता हैं जो इसे खट्टा बनाता हैं। गर्भधारण से बचने के लिए शुद्ध विटामिन-सी के सेवन की सलाह दी जाती हैं, इसे खुराक के रूप में लेना चाहिए। असुरक्षित संभोग के तीन दिन बाद विटामिन-सी की दो खुराक लेनी चाहिए ।
सूखी खुबानी : संभोग के तुरंत बाद यदि सूखी खुबानी लिया जाये तो यह गर्भनिरोध में यह काफी लाभदायक होता हैं। कुछ सूखी खुबानी को शहद व पानी के साथ मिलाकर उसका मिश्रण बना कर एक कप रोज सेवन करने से भी गर्भ नहीं ठहरता। अनचाहे गर्भ को दूर करने का यह सबसे प्रभावी, आसान और तेज तरीका हैं ।
पपीता : असुरक्षित संभोग के बाद पपीता खाने से गर्भ धारण नहीं होता । पपीता निशेचन होने नहीं देता फलस्वरूप गर्भ को ठहरने से रोकता हैं। अगर गर्भ ठहरने के बाद पपीता का सेवन किया जाये तो, उससे गर्भपात होने व अन्य समस्याओं की सम्भावना बढ़ जाती हैं।
सूखा अंजीर : अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए अंजीर का प्रयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा हैं। 1-2 सूखे अंजीर खाने से गर्भ नहीं ठहरता । अधिक मात्रा में अंजीर खाने से पेट खराब हो जाता हैं, इसलिए इसे पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए ।
इन दवाओं का प्रयोग गर्भधारण से बचने का विश्वसनीय और आसान तरीका नहीं हैं । अन्य कोई विकल्प मौजूद नहीं होने पर ही इन उपायों को व्यवहार में लाना चाहिए ।