वनेसा जोन्स द्वारा लिखित | शैला श्रॉफ द्वारा समिक्षित लेख on Aug 29 2016 7:27AM
दमा/अस्थमा क्या हैं?
अस्थमा फेफड़ों से संबंधित रोग हैं । इस रोग के दौरान रोगी की आराम से स्वांस लेने की क्षमता समाप्त हो जाती हैं और स्वांस लेने में परेशानी होती हैं । फेफड़ों में हवा के आने जाने के प्रवाह का रास्ता अवरुद्ध हो जाता हैं, जिसके कारण फेफड़ों को हवा नहीं मिल पाती हैं । हवा जाने वाली नलिका (ब्रॉन्काई) की छोटी- छोटीं शाखाएं (ब्रॉन्काईल्स), मांसपेशियों के तनने से अवरुद्ध हो जाती हैं , स्वाँस नली में जलन या सूजन, बलगम के संचयन से भी दमा हो सकता हैं । हवा जाने वाली नलिका के फूलने व सिकुड़ने व चिपचिपे पदार्थ के संचयन से अस्थमा की परेशानी पैदा होती हैं । अस्थमा या तो तीव्र या फिर जीर्ण हो सकता हैं । अस्थमा के लक्षण खांसी, खिचखिचाहट, स्वांस की कमी और सीने में तनाव हैं ।
अस्थमा (दमा) निम्न कारणों से होता हैं:- धूल या पराग से एलर्जी
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वायु प्रदूषण
- स्वसन संक्रमण
- अकारण चिड़चिड़ाना
- भोजन में सल्फ़ेट का होना
- कुछ दवाइयों से भी अस्थमा होता हैं
अस्थमा को दूर करने का घरेलू उपाय
सुझाव -1: एक चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी का चूर्ण मिलाएं । सोने से पहले इसका रोज सेवन करें ।
सुझाव -2: आधे कप दूध में कुछ अदरक डालकर उसे गर्म करें । इस मिश्रण का रात के वक्त सेवन करें । यह अस्थमा के प्रारम्भिक चरण के लिए काफी लाभकारी हैं ।
सुझाव -3: अंजीर बलगम सुखाने में सहायक होता हैं । पानी में 3-4 सूखे अंजीर को धोएं । उसके बाद इन्हें एक कप पानी में डुबाएं । इसे खाली पेट खाएं और अंजीर के पानी को भी पीएं । इसके बाद करीब एक घंटे तक कुछ भी नहीं खाएं । इसे करीबन दो महीने तक जारी रखें ।
सुझाव -4: गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाएं और उसे धीरे-धीरे पीएं । इसे साने से पहले लें, ताकि गले से बलगम दूर हो ।
सुझाव -5: एक कप पानी में एक चम्मच मेथी डालें और उसे रात भर उसमें छोड़ दें । सुबह उससे पानी निकाल लें । उसमें एक चम्मच अदरक का रस मिलाएं और एक चम्मच शहद। इस मिश्रण को रोजाना सुबह और शाम लेना चाहिए ।