लॉरी वर्जरी द्वारा लिखित | शैला श्रॉफ द्वारा समिक्षित लेख on Aug 18 2016 7:20AM
गुर्दे में पथरी?
गुर्दे (किड़नी) में पथरी का होना, व्यक्ति के लिए अत्यंत पीड़ादायी विकार हैं । पथरी यह वह ठोस संचित खनिज लवण हैं, जो किडनी के माध्यम से छनकर पेशाब के रास्ते बाहर निकलते हैं । मूत्र में कुछ ऐसे प्राकृतिक पदार्थ होते हैं, जो इन खनिज लवणों में घुलते हैं ताकि यह ठोस या पथरी का रूप न ले सकें। कभी-कभी निर्जलीकरण के कारण ये लवण घुल नहीं पाते और रवा बनने लगते हैं । यह इतना बढ़ जाता हैं की गुर्दे की नलिकाओं को बाधित करता हैं, या फिर मूत्रवाहिनी में परेशानी उत्पन्न करता हैं, जिससे मूत्राशय में काफी भयानक दर्द होता हैं । गुर्दे की पथरी का इलाज़ नहीं करने से गुर्दा खराब हो सकता हैं ।
गुर्दे में पथरी होने के आम कारण
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मूत्र पथ के संक्रमण
- विटामिन-डी के अधिक मात्रा में सेवन (ओवरडोज़)
- खनिज असंतुलन
- गुर्दे सम्बंधित रोग
- निर्जलीकरण
- गठिया या फिर आहार से यह परेशानी पैदा होती हैं ।
गुर्दे में पथरी से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय
तुलसी की पत्तियां - तुलसी की पत्तियां गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए ज्यादा लाभकारी होती हैं । तुलसी के पौधे को मानव के लिए कई तरीको से लाभकारी माना जाता हैं, पर गुर्दे के लिए यह खासकर लाभकारी होता हैं । एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाएं और उसे रोज़ सुबह खाएं । मूत्राशय की बाधा और गुर्दे में पथरी को दूर करने के लिए रोज़ाना दो से तीन तुलसी की पत्तियों को चबाना चाहिए ।
तरबूज का रस - तरबूज का रस भी गुर्दे की पथरी को दूर करने में कारगर उपाय हैं । तरबूज में मौजूद पोटैशियम अवयव गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए काफी लाभदयक होता हैं । यह पेशाब में मौजूद अम्ल के स्तर को विनियमित करने और बनाए रखने में काफी मदद करता हैं । रोज़ाना तरबूज खाने या उसका रस पीने से गुर्दे में से पथरी को बाहर करने में काफी सहायक होता हैं ।
अंजीर - अंजीर गुर्दे की पथरी को गलाने में अहम भूमिका निभाता हैं । दो अंजीर को एक कप पानी में उबालें और उसे रोज़ाना सुबह खाली पेट पीएं ।
सेलेरी /अजवाइन - सेलेरी /अजवायन गुर्दे में पथरी बनने से रोकती हैं । नियमित रूप से अजवायन खाने से टॉक्सिन (जीव विष) नहीं बनता, जो गुर्दे में पथरी का निर्माण करता हैं ।
टमाटर - टमाटर का रस जमा खनिज लवण को घुलाने में मदद करता हैं । एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा नमक और मिर्ची मिलाकर उसे रोज़ाना पीना चाहिए । यह गुर्दे में जमा खनिज लवण को घुलाने में मदद करता हैं ।
गेंहू की रोटी - गेंहू की रोटी खाने से गुर्दे में पथरी का खतरा कम रहता हैं । गेंहू की रोटी फाइबर, पोषक तत्वों और मैग्नीशियम के साथ-साथ प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत होता हैं । रोजाना दो-तीन रोटियों का सेवन गुर्दे में पथरी के खतरे को कम करता हैं ।
राजमा – राजमा, किडनी की पथरी को कम करने का सबसे जाना माना घरेलू उपाय हैं । गुर्दे में पथरी या फिर मूत्राशय में समस्या के लिए राजमा काफी प्रभावकारी घरेलू उपचार हैं । राजमा के बीज को साबूत या टुकड़ों में काटकर उसे पानी में दाल दें फिर पन्नी और राजमा दोनों को उबाल लें। करीब एक घंटे तक उसके मुलायम हो जाने तक उसे उबालें । पानी को छान लें और उसे ठंडा होने दे दें । रस को पीने से गुर्दे में पथरी विकसित होने की संभावना कम हो जाती हैं ।
समय पर और सही मात्रा में पीएं पानी - समय समय पर और सही मात्रा में पानी पीने से भी पथरी की समस्या दूर होती हैं । रोज़ समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहने से पेशाब साफ़ होता हैं, जो गुर्दे में पथरी बनने से रोकता हैं ।
नींबू का रस - गुर्दा साफ़ रखने का सबसे बेहतर उपाय नींबू के रस का सेवन हैं । नींबू के रस में साइट्रिक एसिड होता हैं , जो गुर्दे में पथरी को बनाने वाले कैल्शियम अवयव को जमने नहीं देता । व्यक्ति को दिन में दो से तीन बार नींबू का रस जरूर पीना चाहिए । यह पेशाब की मात्रा बढ़ाता हैं, जो गुर्दे में पथरी को कम करने के लिए अच्छा होता हैं ।
गुर्दे की सुरक्षा के लिए लाभकारी आहार का सेवन करिये, क्यों कि इससे गुर्दे स्वस्थ रहते हैं और पथरी बनने से रोकते भी हैं । रोज पानी पीने से और तरल पदार्थ जैसे नींबू का जूस आदि के सेवन से गुर्दे में पथरी बनने की संभावनाओं को कम किया जा सकता हैं । कैल्शियम खनिज खाद्य जैसे पालक, चुकंदर, गोभी, गाजर, बादाम, नारियल, सलजम, चना, मटर, गेंहू का आटा और मांस में, जिगर और गुर्दे के मीट के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए । व्यक्ति को ऐसा भोजन करना चाहिए, जिसमें नमक और पशु प्रोटीन कम हो । मसाले, अचार, शराब, मूली, खीरा, टमाटर, प्याज, गोभी, कार्बोनेटेड पानी आदि से दूरी रखना अत्यंत जरूरी हैं ।