जब धमनियों में रक्त का प्रवाह होता हैं और इस प्रवाह का दबाव धमनी की दिवाल पर कितना होता हैं, इस दबाव को ही रक्त चाप कहते हैं। उम्र के लिहाज से यह दबाव कम अधिक होता रहता हैं। यदि नियमित रूप से इसको मापा जाए तो अनेक बिमारीयों को आरंभ में ही पकड़ा जा सकता हैं।
रक्त चाप (ब्लड प्रेशर) तालिका आपको यह बतलाती हैं कि उम्र के हिसाब से ब्लड प्रेशर नियमित मात्रा के अनुसार सही हैं कि नहीं। यदि नियमित मात्रा में नहीं हैं तो किस तरह से सावधानी बरतनी चाहिये। मेड़ इंडिया का यह सरल उपकरण रक्त चाप के सामान्य नियमित मल्यों से तुलना करने की सुविधा घर बैठे ही देता हैं।
इसके लिये आपके पास रक्त चाप मापक यंत्र (ब्लड प्रेशर मशीन) का होना जरूरी हैं। ह्रदय से कोहनी तक रक्त ले जानी वाली मुख्य धमनी के दबाव को मापने के लिये सामान्य तरीका यह हैं कि बाँह के ऊपरी भाग पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का पट्टा ठीक तरह से कस लें, फिर ब्लड प्रेशर मापे। यदि प्रेशर सामान्य से अधिक आता हैं तो, दोबारा थोड़ी देर के बाद जब आप तनाव रहित होवे तब मापे। इस बात की सावधानी रखें कि कसरत और भोजन के तुरंत बाद प्रेशर न लेवें, क्योंकि इस समय लेने से प्रेशर अधिक आता हैं।
ह्रदय यह एक बहुत ही नाजुक तकनीकी पंप हैं, जो पंप दबा कर रक्त प्रवाह को धमनियों में छोड़ता हैं (systolic) और फिर उसे छोड़ कर फैल कर रक्त फिर से पंप में भरता हैं (Diastolic)। ब्लड प्रेशर के माप के लिये प्रवाह का सकुंचन (systolic) और फैलाव वाले (Diastolic) दोनों मापो का जानना जरूरी हैं। आम तौर पर बीस साल की उम्र में १४०/९० और पचास साल की उम्र में १६०/९५ दबाव होने से हॉय ब्लड प्रेशर माना जाता हैं। दोनों प्रकार के मापो का अपना महत्व हैं लेकिन अघिक उम्र वाले व्यक्तियों के लिये Diastolic फैलाव वाले माप का ज्यादा महत्व हैं क्यों कि इससे आगामी बिमारी क्या हो सकती उसके बारे में जानकारी हो जाती हैं। हॉय ब्लड प्रेशर स्त्रियों की अपेक्षा मर्दो में ज्यादा पाया जाता हैं।
उम्र और रक्तचाप में विभिन्नता
सिस्टोलिक रक्तचाप तालिका
डायस्टोलिक रक्तचाप तालिका
तथ्य:
- हॉय ब्लड प्रेशर वह अवस्था हैं जिसमें ह्रदय को धमनियों में रक्त भेजने के लिये बहुत मेहनत करनी पड़ती हैं। इसका कारण यह हैं कि समय के साथ हमारी धमनियाँ कठोर या कड़ी हो जाती हैं, जिसके फलस्वरूप ह्रदय कमजोर हो जाता हैं।
- हॉय ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण मानसिक तनाव, अधिक नमक का सेवन, वजनअधिक होना, आनुवंशिकता या खानदानी रोग, धुम्रपान, शराब और आलस्यपूर्ण जीवन शैली का होना हैं।
- यह वह रोग हैं जिसका कोई चिंह या लक्षण नहीं हैं। इसलिये यह अनिवार्य हैं कि ४५साल की उम्र होने के बाद आप अपना ब्लड प्रेशर नियिमत रूप से जाँचे।