चिकित्सा शास्त्र के अनुसार गर्भावधि मधुमेह(जी डी एम), गर्भावस्था के दौरान ग्लूकोज असहिष्णुता होने के फलस्वरूप होता हैं। अनुमान हैं कि 3-18 प्रतिशत गर्भवती स्त्रीयॉ जी डी एम से ग्रस्त होती हैं। इसका प्रतिकूल असर मां और बच्चे दोनों को प्रभावित कर सकता हैं, इसलिए एक बार मालुम होने पर, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
गर्भावधि मधुमेह एक प्रकार का मधुमेह हैं जो लगभग 3-18 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता हैं। भारतीय आंकड़ों के अनुसार यह 9 से 18 प्रतिशत हैं। इसका प्रतिकूल असर मां और बच्चे दोनों को प्रभावित कर सकता हैं, इसलिए एक बार मालुम होने पर इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
यदि परीक्षण के दौरान मूत्र में ग्लूकोज रहता हैं और मधुमेह, मोटापे का परिवारिक इतिहास हो तो वह भी जी डी एम के जोखिम के कारणों में शामिल हैं। अधिकांश गर्भवती महिलाओं को रक्त शर्करा के स्तर की जाँच का परीक्षण करना होता हैं। उपवास का, फिर 100 ग्राम ग्लूकोज पिलाने के 1 घंटा, 2 घंटें और 3 घंटों के बाद के रक्त नमूने लिये जाते हैं। इन नमूनों का प्रयोगशाला में परीक्षण करने के बाद उनका अन्वेष्ण किया जाता हैं।
नमूना संग्रह करने का समय | लक्ष्य का स्तर |
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उपवास * (ग्लूकोज लोड से पूर्व) | 95 मिलीग्राम / ड़ेसी लीटर (5.3 मिलीमल / लीटर) |
ग्लूकोज लोड के 1 घंटे बाद | 180 मिलीग्राम / डी एल (10.0 मिलीमल / ली) |
ग्लूकोज लोड करने के 2 घंटे बाद | 155 मिलीग्राम / डी एल (8.6 मिलीमल / ली) |
ग्लूकोज लोड करने के 3 घंटे बाद | 140 मिलीग्राम / डी एल (7.8 मिलीमल / ली) |
संकेत: दो या अधिक मानक मूल्यों के मिलने पर या लक्ष्य स्तर से अधिक होने पर गर्भावधि मधुमेह हैं यह माना जाता हैं। |
हर क्षेत्र के जी डी एम के प्रचार की व्यापकता, रोग का निर्णय करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों और मापदंडों पर निर्भर करता हैं। उदाहरण के लिए - डब्ल्यू एच ओ ऊपर वर्णित 100 ग्राम के मौखिक ग्लूकोज लोड की बजाय 75 ग्राम के उपयोग के पक्ष में हैं । उनका सुझाव हैं कि एक उपवास के समय का और दूसरा ग्लूकोज लेने के 2 घंटे के बाद के रक्त के दो नमूने ही परिणाम जानने के लिए पर्याप्त हैं। इस विधि की लागत कम है और भारत में यह अधिक प्रचलित हैं।
अमेरिका के स्वास्थ्य मधुमेह डेटा समूह के राष्ट्रीय संस्थान (NDDG) (मधुमेह 1979; 28: 1039) द्वारा और कारपेंटर और कॉस्टन (एम जे ऑब्सटेट गायनकोल1982; 144: 768-73)द्वारा स्थापित मूल्य मानक में उन्होने 100 ग्राम ग्लूकोज लोड का उपयोग किया हैं।
उनका परिक्षण चार माप (उपवास, 1, 2 और 3 घंटें की शर्करा की मात्रा) पर आधारित है।
पिछले कई वर्षों में अनेक जांचकर्ताओं ने थोड़े फ़ेर बदल के साथ विभिन्न मानक मूल्यों को दर्शाया हैं, जो नीचे दिए गए चार्ट से सपष्ट हैं।
एन ड़ी ड़ी जी (1979) | कारपेंटर और कॉस्टन | सैक्स और सहयोगी (1989) | |
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उपवास | 105 | 95 | 96 |
1 घंटा | 190 | 180 | 172 |
2 घंटे | 165 | 155 | 152 |
3 घंट | 145 | 140 | 131 |
जिन महिलाओं को जी डी एम हुआ हैं, बाद में उनके जीवन में मधुमेह विकसित हो सकता हैं इसे हमेशा याद रखें। इसलिए हमारी यह सलाह हैं कि वे वार्षिक परीक्षण करवाते रहें, जिससे मधुमेह होते ही तुरंत पता चल सकें और शीघ्र निदान हो पाए।