टाइप 2 मधुमेह एक चयापचय विकार है जिसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। मधुमेह में प्राथमिक चिकित्सीय लक्ष्य, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना है, जिसे औषधीय और गैर-औषधीय उपचारों से प्राप्त किया जा सकता है। मधुमेह प्रबंधन की गैर-औषधीय पद्धति में नियमित शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ आहार शामिल हैं।
कैलोरी प्रतिबंध व्यक्ति की ऊर्जा आवश्यकताओं, लिंग, आयु, मौजूदा सह-रुग्णताओं, शारीरिक गतिविधि के स्तर और अन्य उपचारों जैसे कारकों के आधार पर तय किया जाता है।
कम कैलोरी युक्त आहार की योजना दैनिक आहार से लगभग 25% से 30% कैलोरी कम करके बनाई जाती है। मधुमेह आहार को संतुलित आहार के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए जिसमें 45% से 55% कार्बोहाइड्रेट, 25% से 30% वसा और 15% से 25% प्रोटीन शामिल होना चाहिए, और साथ ही प्रतिदिन 500 से 800 कैलोरी की ऊर्जा की कमी भी होनी चाहिए।
कैलोरी कम करने वाले आहार के लाभों और नुकसानों को उजागर करने के लिए कई वर्षों से इस पर शोध किया जा रहा है। मधुमेह जैसे चयापचय विकारों से संबंधित अध्ययनों में इसके कई लाभों की सूचना दी गई है।
उच्च प्रोटीन वाले कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ वजन घटाने में सहायक, खोए हुए वजन को रोकने/वापस पाने, तृप्ति में सुधार, दुबले शरीर के भार को बनाए रखने और ऊर्जा व्यय को बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं।
एक अध्ययन में मधुमेह और प्री-डायबिटीज वाले लोगों पर समुदाय-आधारित कम कैलोरी वाले आहार हस्तक्षेप के प्रभाव की जाँच की गई। प्रतिभागियों को 840 किलो कैलोरी का आहार दिया गया। आहार में मधुमेह के लिए अच्छी सब्जियाँ जैसे कि स्टार्च रहित सब्जियाँ और कैलोरी रहित पेय शामिल किए गए। परिणामों से पता चला कि औसतन 6 किलोग्राम वजन कम हुआ (महिलाओं में 5.7 किलोग्राम और पुरुषों में 7.9 किलोग्राम), हीमोग्लोबिन A1c में और उपवास रक्त ग्लूकोज में कमी आई।
शोध के अनुसार, कम कैलोरी युक्त आहार मधुमेह को उलटने में कारगर साबित हुए हैं, यानी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दवाएँ लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। लुक अहेड अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि कम कैलोरी वाले आहार, नियमित व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव से, 12 महीनों में मधुमेह आंशिक और पूर्ण रूप से उलट जाते हैं। जिन मधुमेह रोगियों को मधुमेह से मुक्ति मिली, उन्होंने बाद में भी अपना घटा हुआ वजन बरकरार रखा ।
मधुमेह के उपचार में अत्यंत कम कैलोरी वाले आहार (800 कैलोरी/दिन से अधिक नहीं) के लाभकारी होने का व्यापक अध्ययन किया गया है। शोधकर्ताओं के एक समूह ने पाया कि कम से कम 6 महीनों तक अत्यंत कम कैलोरी वाले आहार (लगभग 700 कैलोरी प्रतिदिन) का पालन करने से प्लाज़्मा इंसुलिन के स्तर में वृद्धि, बीटा-कोशिकाओं के कार्य का संरक्षण और मधुमेह की अवधि में कमी देखी गई। अग्न्याशय और यकृत में वसा की मात्रा में भी कमी देखी गई।
मधुमेह के उपचार में अत्यंत कम कैलोरी वाले आहार (800 कैलोरी/दिन से अधिक नहीं) के लाभकारी होने का व्यापक अध्ययन किया गया है। शोधकर्ताओं के एक समूह ने पाया कि कम से कम 6 महीनों तक अत्यंत कम कैलोरी वाले आहार (लगभग 700 कैलोरी प्रतिदिन) का पालन करने से प्लाज़्मा इंसुलिन के स्तर में वृद्धि, बीटा-कोशिकाओं के कार्य का संरक्षण और मधुमेह की अवधि में कमी देखी गई। वज़न घटने के कारण अग्न्याशय और यकृत में वसा की मात्रा में भी कमी देखी गई। बहुत कम कैलोरी वाला आहार ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में भी मदद करता है, जिससे उपवास के दौरान ग्लूकोज़ के स्तर, LDL कोलेस्ट्रॉल और कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है। ऑक्सीडेटिव स्थिति में सुधार सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेस में वृद्धि और मैलोनडायल्डिहाइड के निम्न स्तर से जुड़ा है।
कैलोरी में कमी मधुमेह को उलटने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। मधुमेह का आंशिक उलटाव तब होता है, जब उपवास के दौरान शर्करा का स्तर 100 से 125 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है और ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) 6.5% से कम होता है, जबकि, मधुमेह का पूर्ण उलटाव तब होता है जब उपवास के दौरान शर्करा का स्तर 100 मिलीग्राम/डीएल से कम और HbA1c 5.7% से कम होता है। इन दोनों स्थितियों को परखने के लिए यह जरूरी है कि कम से कम 12 महीने तक उपचार न लेिया जाये और कम या बहुत कम कैलोरी वाला आहार का सेवन करके, यह जाँच की जाये कि क्या कैलोरी कम युक्त आहार मधुमेह को उलटने में सफल होता है या नहीं
कम कैलोरी वाला आहार टाइप 2 मधुमेह के लिए वज़न घटाने में मददगार साबित हो सकता है। कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन वसा द्रव्यमान को कम करने में भी मदद करता है, उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है, और बीटा कोशिकाओं के कार्य और इंसुलिन संवेदनशीलता को उत्तेजित करता है। साइटोकिन्स और एडिपोकिन्स को नियंत्रित करके, कम कैलोरी वाले आहार से सूजन को भी कम किया जा सकता है।
कैलोरी प्रतिबंधित आहार के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कब्ज, सिरदर्द, और चक्कर आना। मधुमेह से पीड़ित लोगों को भी कम कैलोरी वाले आहार के साथ बार-बार हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा स्तर) का अनुभव हो सकता है, खासकर इंसुलिन प्रबंधन पर रहने वाले लोगों को ।
यदि मधुमेह के ठीक होने के बाद लंबे समय तक स्वस्थ जीवनशैली (उचित आहार और शारीरिक गतिविधि) का पालन नहीं किया जाता है, तो मधुमेह के वापस आने की संभावना अधिक हो सकती है।
एक दीर्घकालिक अध्ययन, जिसमें मधुमेह रोगियों पर 5 वर्षों तक बहुत कम कैलोरी वाले आहार के नैदानिक प्रभावों का आकलन किया गया, ने बताया कि हस्तक्षेप अवधि के अंत में अधिकांश घटा हुआ वजन वापस आ गया। इसलिए कैलोरी कम करने वाले आहार सुरक्षित लगते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए इनका पालन करना मुश्किल हो सकता है।
कम कैलोरी वाले आहार में शामिल खाद्य पदार्थ मधुमेह के अनुकूल होने चाहिए।
मधुमेह रोगियों के लिए कैलोरी कम करने वाले आहार का सुझाव देना एक अच्छा उपचार विकल्प हो सकता है क्योंकि यह मधुमेह प्रबंधन में लाभकारी प्रभाव प्रदर्शित करता है। यद्यपि कैलोरी कम करने वाले आहार मधुमेह रोगियों के लिए कई लाभ प्रदान करते हैं, फिर भी दुष्प्रभावों से बचने के लिए कम कैलोरी वाला आहार चुनने से पहले चिकित्सक और आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना ज़रूरी है।