ग्लॉयकेटेड़ /ग्लॉयकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) परीक्षण पिछले 3 महीनों के आपके औसत रक्त शर्करा के स्तर की जाँच करता हैं । हीमोग्लोबिन में उपस्थित लाल रक्त कोशिकाओं का जब ग्लूकोज से मिश्रण होता हैं तब परिणामस्वरूप HbA1c का गठन होता हैं । आम तौर पर 100 लाल रक्त कोशिकाओं में से 4-6 कोशिकाओं की सतह पर ग्लूकोज़ संलग्न हो जाता हैं; इसलिए HbA1c की सीमा एक सामान्य व्यक्ति में 4-6% हैं । HbA1c के उच्च मानक होने से दिल, गुर्दा, तंत्रिका, मस्तिष्क और आंख से संबंधित रोगों का खतरा बढ़ जाता हैं ।
ग्लॉयकेटेड़ /ग्लॉयकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (एच बी ए 1 सी या A1c) गणक औसत रक्त शर्करा के स्तर को नापता हैं, जो सीधे एच बी ए 1 सी से संबंधित हैं। एच बी ए 1 सी परीक्षण मधुमेह के निदान में महत्वपूर्ण हैं क्यों कि यह मधुमेह नियंत्रण में हैं की नहीं यह जानने में मदद करता हैं। एक मधुमेह रोगी के लिए हमारा यह सुझाव हैं कि हर 3 या 6 महीने में एक बार एच बी ए 1 सी परीक्षण करना चाहिए।
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References- http://www.med.umich.edu/mdrtc/cores/chemcore/hemoa1c.htm
- http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/ency/article/003640.htm