विद्युत प्रवाह के शरीर में से गुजरने की वजह से क्षति या चोट लग जाती हैं,
स्रोत प्राकृतिक या मानव निर्मित हो सकते हैं ।
बिजली के झटके के दौरान क्या होता है?
नीचे गिर जाना,
मांसपेशी में संकुचन,
दौरा पड़ना,
निर्जलीकरण,
जलना या झुलसना,
हड्ड़ी टूटना,
रक्त के थक्के जमना,
मांस-तंतु या ऊतकों का ख़तम होना,
श्वास न आना, दिल या गुर्दे की विफलता ।
इनका क्रमशः अनुसरण करियें-
पीड़ित व्यक्ति को धटनास्थल से हटाने का प्रयास न करें,
पहला काम यह करें कि बिजली के स्रोत को बंद कर देवें,
या एक लकड़ी की छड़ी का उपयोग करके बिजली के स्रोत को बंद कर देवें ।
पीड़ित व्यक्ति की देख भाल कैसे करें ?
सांस चल रही हैं या नहीं इसकी जाँच करें,
यदि सांस नहीं चल रही हैं तो पुनर्जीवन चिकित्सा (कार्डियो पल्मनरी रिसैसिटेशन) या सी.पी.आर करें,
आपातकालीन चिकित्सा सहायता को बुलायें,
यदि सांस चल रही हैं तो शारीरिक परीक्षण करें,
हल्के जले हुये का इलाज करें,
जीवन-मरण से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों को पुनः स्थापित करें,
अत्यधिक जलने पर अस्पताल में भर्ती करने या शल्य चिकित्सा की भी आवश्यकता हो सकती हैं,
देखभाल के साथ सहयोग और संबल भी देवें।
निवारण
उचित रूपरेखा बना कर संस्थापना करें,
बिजली के उपकरणों के बारे में जनता को शिक्षित करें,
बिजली के उपकरणों को बच्चों की पहुंच से बाहर रखें,
बिजली और बिजली के उपकरणों का सम्मान करना सीखें।
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