मुख्य रूप से दांत-दर्द, दाँत की सड़न के कारण होता हैं,
मुंह के अंदर बैक्टीरिया चीनी/स्टार्च खाद्य कणों पर पनपते हैं,
दांतों की सतह पर चिपचिपा प्लैक जम जाता हैं,
प्लैक से बैक्टीरिया एसिड उत्पन्न होता हैं,
यह एसिड दांत के इनैमेल और कठोर आवरण को धीरे-धीरे नष्ट कर देता हैं,
उससे कैविटी/ छेद उत्पन्न हो जाती हैं,
दांतों की सड़न का पहला लक्षण दांत का दर्द होना हैं,
ऐसा बहुत ठंडा/बहुत गर्म/कुछ मीठा खाने पर होता हैं,
दांत का दर्द चोट/मानसिक आघात के कारण भी हो सकता हैं,
दांत का दर्द बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकता हैं।
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लक्षण
दांत का दर्द जबड़े, गाल, कान तक फैल जाता हैं,
चबाते समय दर्द होता हैं,
गर्म/ठंडी चीजों से संवेदनशीलता बढ़ जाती हैं,
जबड़े में सूजन हो जाती हैं,
दांत या मसूड़ों से खून बहता हैं।
उपचार
दांतों में फंसे किसी कण को बाहर निकालने के लिये फ्लॉस करें,
दंत चिकित्सक से फ्लॉस करना सीखें,
दर्द से राहत पाने की दवाई लें,
एंटीसेप्टिक युक्त बैंजोकेन लगाएं
लौंग का तेल लगाने से भी आराम मिल सकता हैं,
मसूड़ों पर सीधे एस्पिरिन मत लगाएं,
इसके कारण मसूड़ों के ऊतकों/टिश्यु में जलन हो सकती हैं।
चिकित्सक से परामर्श करें
यदि दांत में दर्द बना रहता हैं,
दर्द के साथ बुखार भी होता हैं,
सांस लेने में कठिनाई होती हैं,
कुछ निगलने में कठिनाई होती हैं ।
निवारण
प्रत्येक भोजन के बाद दांतों को ब्रश करें,
नियमित रूप से फ्लॉस करें,
अपने दंत चिकित्सक की साल में दो बार सलाह लें,
खेलते समय मुँह के उपकरण अवश्य पहनें,
धूम्रपान से बचें, क्योंकि इससे दांतों बिगड़ जाते हैं,
कम स्टार्च/चीनी की सामग्री के साथ संतुलित भोजन अवश्य करें।
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