वनेसा जोंस   द्वारा  लिखित  | शैला श्रॉफ  द्वारा  समिक्षित  लेख on  Aug 25 2016 11:18AM
			
		   पेट में छाले (अल्सर) कैसे होते हैं?  
जठरतंत्र मार्ग के खुले घाव या कटाव जो बहुत पीड़ादायक होते हैं, उन्हे पेप्टिक अल्सर कहा जाता हैं । जब हाइड्रोक्लोरिक एसिड, पाचन तरल पदार्थ से मिलता हैं और पेट में मौजूद पेप्सिन एंजाइम जठरतंत्र मार्ग को नुकसान पहुंचाता हैं और तब छाले हो जाते हैं । पेट के अल्सर को अंतड़ीयों (गैस्ट्रिक) का अल्सर कहते हैं और  ग्रहणी( छोटी आँत) में इसे ग्रहणी अल्सर कहते  हैं । अंतड़ीयों और ग्रहणी पर होने वाले अल्सर को पेप्टिक अल्सर के नाम से जाना जाता हैं।  
             
    			
    		
	   	
 		
         
              पेप्टिक अल्सर के आम कारण :
              
- जीवाण्विक (बैक्टीरियल) संक्रमण – (हैलीकोबैक्टर पॉयलोरी)
- रसायनिक पदार्थो  से रहित दवाईयाँ (नॉन स्टेरिओडल ऐंटी इंफ्लेमेटरी) जो सूजन कम करती हैं जैसे एस्प्रिन आदि
- धूम्रपान, तनाव और संवेदनशीलता 
- प्रतिरक्षण (इम्यून) असमानताएं 
- शराब पीने की आदत से 
पेट के अल्सर से छुटकारा पाने के उपाय :   
           
सुझाव-1
     
             मेथी के पत्ते में वो पदार्थ होता हैं, जो अल्सर को ठीक करने के लिए काफी गुणकारी होता हैं । एक कप मेथी के पत्ते को थोड़े से नमक के साथ उबालें । इसे दिन में दो बार पीएं इससे काफी लाभ मिलता हैं ।
            
  
 ![]() सुझाव-2
 
             
सुझाव-2 
            
           ताजा पत्ता गोभी का रस पीने से पेट के अल्सर को ठीक करने में काफी मदद मिलती हैं । सोने से पहले हर रोज़ ताजा पत्ता गोभी का रस पीएं । ये पेट की परत को मजबूत करता हैं और अल्सर को ठीक करने में मदद करता हैं । 
            
         
            
सुझाव-3
             
            केले में जीवाणुरोधी पदार्थ होता हैं जो पेट में अल्सर होने की संभावनाओं को कम करता हैं । इसलिए नाश्ते के बाद हर रोज एक केला खाने की सलाह दी जाती हैं ।  
            
	
            सुझाव-4
 
 शहद में अल्सर को ठीक करने का प्राकृतिक पदार्थ होता हैं, जो पेट के अल्सर को ठीक करने में काफी कारगर रहता हैं। सुबह रोज नाश्ते से पहले एक चम्मच शहद का सेवन करें या फिर शहद को रोटी में लगाकर खाएं । यह पेट में सूजन व पेट सम्बंधित अन्य विकारों को भी दूर करने सहायक होता हैं ।   
            
                    
 ![]() सुझाव-5
 
            
            सुझाव-5 
            
लहसुन पेट में अल्सर के लिए लाभकारी होती हैं । खाने के समय रोज़ दो तीन लहसुन की कलीयाँ खाने से पेट की सूजन में राहत मिलती हैं । 
             
		 	 
			 
            सुझाव-6
       
 रपटीले चिराबेल( एल्म) की छाल का पाउडर बनाएं और उसमे एक कप गर्म पानी मिलाएं और उसे तरह मिलाएं । इस मिश्रण को दिन में तीन बार रोज पीएं ।  रपटीले एल्म की छाल का प्रयोग, श्लेष्मा झिल्ली जो पेट और ग्रहणी को ढ़कती हैं, को आराम पहुँचाने के लिये किया जाता हैं ।
(ग्रहणी छोटी आँत का लगभग 25 सेमी लम्बा अपेक्षाकृत कुछ मोटा और अकुण्डलित प्रारम्भिक भाग होता हैं ।)          
           
![]() सुझाव-7
            सुझाव-7
    
 पेट के कई प्रकार के विकारों को दूर करने के लिए काफी समय से नारियल के तेल का इस्तेमाल किया जाता हैं । इसमें जीवाणुरोधी गुण होता हैं, जो अल्सर पैदा करने वाले जीवाणुओं को मारता हैं ।