लॉरी वर्जरी द्वारा लिखित | शैला श्रॉफ द्वारा समिक्षित लेख on Aug 16 2016 6:15AM
उल्टी क्यों होती हैं ?
उल्टी करने को चिकित्सकीय भाषा में ‘इमेसिस’ के नाम से जाना जाता हैं । जी मचलाना जैविक रक्षा क्रियाविधि हैं । इसे अनैच्छिक प्रतिक्रिया कहा जाता हैं, जिसमें उग्रता से मुंह के द्वारा पेट के पदार्थ बाहर आ जाते हैं । जी मचलने का सही कार्य, शरीर में अन्वेशन के बाद विषैले व हानिकारक अव्यवों को बाहर निकालना हैं । मचली आने के विभिन्न कारक और कई कारण होते हैं । जी मचलाने के पहले व उसके दौरान सीने और पेट की मांसपेशियों में लम्बे समय के लिए संकुचन होता हैं ।
जी मचलाने के आम कारण
- विषाक्त भोजन(फूड पॉइजिनिंग)
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आंत्रशोथ (गेस्ट्रोएटेरिटिज)
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ऑपरेशन
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गर्भावस्था
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कुछ दवाइयों के सेवन से
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घृणित दृश्य देखने से
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दुर्गंध
- गति(गाडी या सफर में गति) से जी मचलाना हैं ।
जी मचलने को रोकने के उपाय
सुझाव 1 - एक बरतन में इलायची को गर्म करें । उसके बाद उसका पाऊडर तैयार कर के, एक चम्मच शहद मिलाएं और तैयार मिश्रण का रोज सेवन करें ।
सुझाव 2 - जी मचलाने के दौरान पुदिना का सेवन करने से आराम मिलता हैं । पानी में पुदिने की पत्ती कुछ देर उबालें, फिर छान कर उस पानी का उसका सेवन करें ।
सुझाव 3 - मतली को रोकने के लिए नींबू का रस, एक बहुत ही प्रभावी घरेलू उपचार हैं । पानी में एक चम्मच नींबू का रस, आधा चम्मच चीनी और चुटकी भर खाबर सोडा डाल कर मिलाएं । उसके बाद तैयार मिश्रण का सेवन करें । इससे जी मचलने में तत्काल आराम मिलेगा ।
सुझाव 4 - उल्टियों को रोकने का एक उपचार अदरक भी हैं । अदरक पाचन प्रणाली के लिए काफी अच्छी होती हैं और यह पेट के अंदर के गैर जरूरी श्राव को रोकती हैं, जो कि उल्टियाँ करने का एक कारक हैं । जब आपको पहले से उल्टी होने का आभास हो तो, थोड़ी चीनी के साथ अदरक की चाय पीयें, इससे काफी आराम मिलेगा ।
सुझाव 5 - अगर आपने अभी तुरंत उल्टी की हैं, तो उसकी गंध से और उसके बाद मुंह के स्वाद से दोबारा भी उल्टी हो सकती हैं । ऐसे समय में एक कप पानी में एक चम्मच सिरका को अच्छे से मिलाएं और तैयार मिश्रण से अच्छी तरह से कुल्ला करें । इससे आपको ताजगी महसूस होगी और सांसें ताजा लगेंगी ।
सुझाव 6 - चावल के पानी से भी उल्टी होना रोका जा सकता हैं । विशेषकर जब व्यक्ति गैस्ट्रिक से पीड़ित हो । एक कप चावल में दो कप पानी डालकर उसे गर्म करें। कुछ देर के बाद चावल से पानी को अलगकर उसका सेवन करें इससे काफी लाभ मिलता हैं।
सुझाव 7 – लौंग का रोगाणुरोधक और असंवेदनकारी गुण, पाचन क्रिया के लिए काफी लाभकारी होता हैं और यह जी मचलने को रोकने में भी मदद करता हैं । आप कुछ कच्चे लौंग चबा सकते हैं या फिर उसे चाय में मिलाकर पी सकते हैं । लौंग के पाउडर और शहद मिलाए गए मिश्रण का सेवन से भी जी मचलाना रोका जा सकता हैं ।
सुझाव 8 - सौंफ के चिकित्सीय गुण से भी जी मचलाने को रोका जा सकता हैं । तुरंत राहत पाने के लिए , सौंफ को मुंह में रखकर चबाना चाहिए । हल्के भुने हुए सौंफ को मूली और कद्दू में मिलाकर खाने से भी काफी आराम मिलता हैं ।