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पुनर्जीवन चिकित्सा (कार्डियो पल्मनरी रिसैसिटेशन या सी.पी.आर.)

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हृदयाघात के बारे में
  • अक्सर यह हृदय की असामान्य धड़कन के कारण होता हैं,
  • इस असामान्य लय को वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (वी.एफ) कहते हैं,
  • वी.एफ के दौरान हृदय रक्त पम्प करना बंद कर देता हैं,
  • रोगी की सांस बंद हो सकती हैं,
  • नाड़ी चलने का पता नहीं लगाया जा सकता,
  • हृदय को झटका लगाना आवश्यक होता हैं, जिसे डीफिब्रिलेशन कहा जाता हैं,
  • डीफिब्रिलेशन वी.एफ बंद कर देता हैं, जिस से हृदय फिर से काम करना शुरू कर देता हैं।
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पुनर्जीवन चिकित्सा (कार्डियो पल्मनरी रिसैसिटेशन या सी.पी.आर.) क्या हैं ?
  • आपातकालीन जीवन रक्षक उपाय हैं,
  • इसमें राहत की सांस देने और छाती पर दबाव डालने वाली, दोनो प्रक्रियाओं का सम्मिश्रण हैं,
  • ऐसे रोगी को दिया जाता हैं जो बेहोश हो या जिसकी श्वास नहीं चल रही हो,
  • हृदयाघात पीड़ित व्यक्तियों को भी दिया जा सकता हैं,
  • सांस नहीं आना, दम घुटना या सदमे के मामलों में भी दिया जा सकता हैं,
  • सी.पी.आर. तंतु विकम्पहरण या डीफिब्रीलेश करता हैं,
  • अल्प अवधि के लिए हृदय रक्त पंप करता हैं,
  • मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचने में सहायता करता हैं,
  • जब तक मदद पहुंच नहीं जाती रोगी की सहायता करें,
  • जितना शीघ्र उपचार संभव हो सकता हैं उतना अधिक प्रभावी होगा ।
सी.पी.आर. करने का तरीका-
  • श्वास मार्ग की रूकावट को दूर करें,
  • पता लगाएं कि क्या व्यक्ति होश में हैं या उसकी सांसे चल रही हैं,
  • कठोर समतल सतह पर व्यक्ति को पीठ के बल लेटा दें,
  • सिर ऊपर की ओर करें और ठोडी उठा कर, व्यक्ति का श्वास मार्ग खोल देवें,
  • सांस लेते समय किसी प्रकार की आवाज तो नहीं आ रही इस की जाँच करें,
  • यदि श्वास नहीं चल रही और किसी प्रकार की आवाज तो नहीं आ रही, तब अपने मुँह से पीड़ित के मुँह में साँस देवें।
मुख-से-मुख में साँस देना
  • व्यक्ति के नथुने में चुटकी काटें,
  • उसके मुख में अपने मुख से सांस दें,
  • एक सेकेंड में एक सांस देवें,
  • देखें कि छाती फूल रही हैं या नहीं,
  • यदि छाती फूल या उठ रही हैं, तो फिर मुख से दूसरी बचाव सांस दें,
  • यदि छाती अभी भी नहीं उठती हैं, तो व्यक्ति के सिर को ऊपर की ओर करें और ठोड़ी को उठा दें,
  • अब एक बार फिर से बचाव सांस दें।
अब छाती को दबाकर रक्त संचार बहाल करें
  • अपनी हथेली (जहाँ पर कलाई और हथेली मिलती हैं, उस जगह) को रोगी की छाती पर रखें,
  • अपने दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रखें,
  • कोहनी सीधी रखें,
  • अपने शरीर के ऊपरी वजन का उपयोग करते हुए दबायें,
  • तेजी से जोर लगा कर करे,
  • 30 बार दबाने के बाद, श्वास मार्ग को साफ करें,
  • अब मुख से दो बचाव साँस दें,
  • यह सब मिलाकर एक चक्र होता हैं,
  • अब इसी प्रकार एक मिनट में 100 बार दबाएं,
  • जब तक चिकित्सा मदद पहुंच नहीं जाती सी.पी.आर जारी रखें।
शिशु और 8 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सी.पी.आर
  • प्रक्रिया लगभग वैसी ही हैं, जैसी एक वयस्क रोगी को दी जाती हैं,
  • इसमें निम्न विवरण शामिल किये जाने चाहिए,
  • 1 मिनट में 20 साँस दी जानी चाहिए,
  • 1 मिनट में छाती को 100 बार दबाना चाहिए,
  • इस प्रक्रिया में एक हाथ से छाती दबाना चाहिए।
पूर्वानुमान
  • यदि सी.पी.आर अच्छी तरह से किया जाये तो जीवन बचाया जा सकता हैं,
  • पीड़ित रोगी को बचा कर सामान्य स्थिति में लाया सकता हैं,
  • सी.पी.आर अप्रभावी भी हो सकता हैं, जिसके कारण मृत्यु तक हो सकती हैं,
  • कुछ मामलों में, इससे चोट लगने या क्षति भी हो सकती हैं।
सावधानी
  • पसलियां, दिल, फेफड़े, जिगर घायल हो सकते हैं,
  • सी.पी.आर के बाद, चिकित्सा उपचार किया जाना चाहिए ।
सी.पी.आर प्रशिक्षण
  • सी.पी.आर - प्रशिक्षण के माध्यम से व्यावहारिक कौशल प्राप्त किया जाता हैं,
  • व्यावसायिक प्रशिक्षण या नियमित अभ्यास अनिवार्य हैं,
  • सी.पी.आर केवल चिकित्सकीय व्यावसायिकों के लिए ही सीमित नहीं हैं,
  • सामुदायिक संगठन, जैसे रेड क्रॉस, इस प्रशिक्षण को आयोजित करते हैं।

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