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कीट दंश

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अवलोकन
  • ज्यादातर कीड़े का काटना गंभीर नहीं होता,
  • कभी कभी उसके कारण गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया, तीव्रग्राहिता (ऐनफलैक्सि) हो जाती हैं,
  • यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया जाता तो तीव्रग्राहिता (ऐनफलैक्सि) से जीवन का खतरा हो सकता हैं,
  • मधुमक्खियों, पीले ततैयों, भीड़ों, सर्वभक्षी चींटियां के डंक मारने से बहुत तीव्र दर्द होता हैं,
  • मच्छरों की तरह के कीट के काटने के कारण खुजली हो जाती हैं,
  • यदि समय पर उपचार नहीं किया गया तो जहरीली मकड़ी (ब्लैक विड़ो स्पाईड़र ) का काटना प्राणघातक सिद्ध हो सकता हैं।
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कारण

कीड़ों के काटने के उदाहरण:
  • मच्छर
  • पिस्सू
  • घुन
  • मकड़ी
डंसने वाली मधुमक्खियों के उदाहरण:
  • मधुमक्खी
  • पीला ततैया
  • भिड़
लक्षण
  • किसी निश्चित स्थान पर दर्द
  • सूजन
  • लालिमा
  • खुजली
  • सुन्न पड़ना
  • जलन
  • सिहरन का एहसास
  • सांस फूलना
  • कमजोरी
उपचार
  • किसी सीधे और किनारेदार वस्तु का उपयोग करते हुए दंश बाहर निकाल दें,
  • प्रभावित अंग को साबुन और पानी से अच्छी तरह धो दें,
  • प्रभावित अंग पर कपड़े में लपेटकर बर्फ रखें,
  • इस गतिविधियों को हर 10 मिनट के बाद दोहराएँ,
  • खुजली रोकने के लिए एक हल्की क्रीम लगाएं,
  • यदि आवश्यकता हैं तो ऐन्टी हिस्टमिन गोली खाएं,
  • संक्रमण के लक्षणों जैसे दर्द या सूजन का निरीक्षण करें,
  • आपातकालीन मामले में-रोगी को शांत बनाए रखने का प्रयास करें,
  • रोगी के श्वास की जाँच करें,
  • सभी संकुचित करने वाली वस्तुयें जैसे अंगूठी आदि को उंगलियों, नाक, कानों से निकाल दें,
  • यदि आवश्यकता हैं तो कार्डियो पल्मनरी रिससिटेशन(सी.पी.आर) या पुनर्जीवन प्रदान करें,
  • यदि व्यक्ति के पास कोई आपातकालीन सामान का थैला हैं तो उसका प्रयोग करें,
  • यदि रोगी में सदमे के संकेत दिखाई देते हैं, तो आवश्यकतानुसार उसका उपचार करें,
  • जितनी जल्दी संभव हो सके चिकित्सा मदद प्राप्त करें ।
चिकित्सक से परामर्श करें

निम्नलिखित मामले में, चिकित्सा सहायता प्राप्त करें:
  • सांसों की घरघराहट,
  • चेहरे पर सूजन,
  • सांस लेने में कठिनाई,
  • गले में जकड़न महसूस होना,
  • शरीर का नीला पड़ना ।
करने से बचें
  • चिमटी का प्रयोग कर दंश निकालने का प्रयास मत करें,
  • बैंडेज़ (टूनिकेट) मत बांधें,
  • जब तक एक चिकित्सक द्वारा सलाह नहीं दी जाती एस्पिरिन, दर्द नाशक दवाएं नहीं दी जानी चाहिए ।
निवारण
  • दौरे से प्रभावित व्यक्ति के मुंह में हाथ डालने से बचें,
  • सावधानी बरतें कि आपका बच्चा दंश के बाद काटना न शुरू कर देवें।

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