यदि आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि आपको उच्चरक्तचापरोधी दवाईयाँ दी जाएंगी। क्या आप यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आपके डॉक्टर ने आपके लिए वह विशेष दवा क्यों चुनी है या इसके क्या लाभ या दुष्प्रभाव हैं? इस प्रश्नोत्तरी में भाग लेकर एंटीहाइपरटेन्सिव के बारे में अपने ज्ञान का परीक्षण करें।
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1: उच्च रक्तचाप का इलाज करवाना चाहिए क्योंकि:
उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और गुर्दे की विफलता, हृदय रोग, अंधापन और स्ट्रोक जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। हल्का उच्च रक्तचाप किसी भी लक्षण का कारण नहीं हो सकता है और रोगी को पता भी नहीं होता है कि वह इस स्थिति से पीड़ित है।
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हाइड्रोक्लोरोथियाज़ाइड जैसी दवाएं इनके द्वारा अपना कार्य करती हैं:
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड जैसी दवाएं सोडियम और पानी की मात्रा को कम करके और रक्त वाहिकाओं के प्रतिरोध को कम करके अपना कार्य करती हैं,जिससे रक्तचाप कम होता है।
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गर्भावस्था के दौरान एंटीहाइपरटेंसिव दवाओं का सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है।
कुछ एंटीहाइपरटेन्सिव दवाईयाँ गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित होती हैं, जबकि अन्य नहीं। उच्च रक्तचाप से ग्रस्त महिलाओं को अचानक उपचार बंद नहीं करना चाहिए। अगर वे गर्भावस्था की योजना बना रही है, तो उन्हें अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान दवा जारी रखना सुरक्षित है या नहीं। यदि ऐसा नहीं है, तो चिकित्सक उन्हें सुरक्षित विकल्प की जानकारी दे कर, उनका सही उपचार करेगा।
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ब्लड प्रेशर सामान्य होने के बाद एंटीहाइपरटेन्सिव दवाईयाँ बंद की जा सकती हैं।
एंटीहाइपरटेंसिव दवाईयाँ, रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित करती हैं, लेकिन स्थिति को ठीक नहीं करती हैं। इसलिए, ज्यादातर मामलों में उन्हें आजीवन लिया जाना चाहिए ।
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उच्च रक्तचाप वाले पुरुष जो प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (prostatic hyperplasia) से ग्रस्त है, उन्हें प्राज़ोसिन (prazosin )जैसी दवाओं के उपयोग से लाभ हो सकता है।
उच्च रक्तचाप वाले पुरुष जो अहानिकर बेनाईन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया से ग्रस्त है,उन्हें प्राज़ोसिन जैसी दवाओं के उपयोग से लाभ हो सकता है। क्योंकि प्रोजोसिन जैसी दवाईयाँ अहानिकर और हानिकर इन दोनों स्थितियों में प्रभावी है।