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शीतदंश

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अवलोकन
  • शीतदंश यह अत्यधिक ठंड के कारण त्वचा या ऊतकों में होने वाला नुकसान हैं
  • 15 डिग्री सेंटीग्रेड से या इससे कम तापमान होने पर, रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे शरीर का तापमान बना कर रखना कठिन हो जाता हैं
  • जब ऐसी दशा कुछ समय तक बनी रहती है, तब ऊतकों में चोट का खतरा हो जाता हैं
  • शीतदंश आमतौर पर उन ऊतकों को प्रभावित करते हैं जो दिल से दूर होते हैं
  • शीतदंश उन ऊतकों में भी हो जाता है जो ठंड से अधिक समय तक संपर्क में होते हैं
  • वे अंग जो आम तौर पर प्रभावित होते हैं, वे निम्न हैं -
    • नाक,
    • कान,
    • उंगलियां
    • पैर की उंगलियां
  • ऊतकों के स्थायी नुकसान को रोकने के लिए देखभाल की जानी चाहिए
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जोखिम के कारण-
  • मधुमेह
  • तंत्रिका विकृति (परिधीय न्यूरोपैथी),
  • बीटा अवरोधकों का उपयोग
लक्षण
  • त्वचा का रंग क्षीण होना
  • त्वचा का ढ़ीली पड़ना
  • सिहरन या जलन की अनुभूति
  • आंशिक या पूर्ण रूप से संवेदनशून्‍यता
  • गंभीर मामलों में, अंगविच्‍छेद से पहले त्‍वचा का शुष्‍क, सड़ना या गैंग्रीन हो जाना होता हैं।
उपचार

जितनी जल्दी संभव हो सके चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। इस दौरान-
  • प्रभावित अंग को साफ कपड़े का उपयोग करते हुए लपेट दें
  • यदि कोई चिकित्सा सहायता प्राप्त नहीं हो पा रही हैं, तब पीड़ित व्याक्ति को किसी निकटत गर्म स्थान में ले जाएं
  • पहले हाइपोथर्मिया या अल्पताप का उपचार करें। व्यक्ति को अच्छी तरह से ढ़क दें
  • शीतदंश से प्रभावित अंग को गुनगुने पानी में रखें या धोयें परन्तु गर्म पानी में कदापि ना रखें
  • ऐसा तब तक करते रहें जब तक संवेदना वापस नहीं आ जाती हैं।
इनसे बचें
  • प्रभावित अंग को रगड़ें या मालिश ना करें
  • यदि दूसरी बाद ठंड लगने की जोखिम की अपेक्षा हैं तो उपचार करने से बचें
  • उपचार करने के बाद यदि फिर से शीतदंश हो जाये तो नुकसान बहुत ज्यादा हो जाता हैं।
निवारण
  • इनसे बचियें-
    • ज्यादा ठंड लगने से
    • गीले कपड़ों से
    • शीत लहर से
  • ठंड के मौसम के दौरान, कई परतों में कपड़े पहनें
  • अतिरिक्त सामान पहनें जैसे-
    • दस्ताने या मिटन्स (जिसमें अंगुठें और चारों अंगुलीयों के लिये दो हिस्से बने होते हैं)पहनें, न कि दस्ताने (जिसमें सभी अंगुलीयों के लिये हिस्से बने होते हैं)
    • जुराबों के दो जोड़े
    • दोनों कानों को अच्छी तरह से ढकने के लिये टोपी या स्कार्फ पहनें
  • पर्याप्त भोजन का सेवन और आराम करें
  • बहुत ठंड में जाने से तुरन्त पहले शराब का सेवन करने से बचें
  • सूती कपड़े पहनने से बचियें ।

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