About Careers Internship MedBlogs Contact us
Medindia
Advertisement

स्मृतिलोप या भूलने की बीमारी

View in English
Font : A-A+

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. कौन सा डॉक्टर भूलने की बीमारी का इलाज करता है?
आम तौर पर भूलने की बीमारी का इलाज मनोचिकित्सक करते हैं।

2. क्या वैकल्पिक या दूसरी तरह की चिकित्सा स्मृतिलोप के इलाज के लिए उपयोगी है?

जड़ी-बूटीयों (हर्बल थेरेपी) से और नैसर्गिक चिकित्सा में जिसमें, बादाम और अखरोट, सेब, संतरा, खजूर, अंजीर और अंगूर जैसे मेवों के सेवन की सलाह दी जाती है, ताकि याददाश्त की कमी को कम किया जा सके।
नैसर्गिक चिकित्सा में स्मृति संबंधी बीमारियों के लिए मसालों और जड़ी-बूटियों जैसे काली मिर्च, जीरा, गुलमेंहदी (रोजमैरी)और ब्राह्मी के उपयोग की सलाह दी जाती हैं। ये सब स्मृति बढ़ाने वाले हैं और हल्के स्मृति संबंधी विकारों के लिए प्रभावशाली हो सकते हैं। लेकिन इन सबसे भूलने की बीमारी का इलाज नहीं हो सकता हैं।

Advertisement

3. क्या भूलने की बीमारी बच्चों को प्रभावित करती है?
बच्चों में स्मृति हानि एक अन्य स्थिति के रूप में हो सकती है और जब ऐसा होता है तो जितनी जल्दी हो सके चिकित्सा सहायता लेना बेहतर होता है। हालांकि, कुछ वयस्क जिन्हें बचपन में अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ा हो, वे अपने अत्याचारपूर्ण जीवन के उस प्रारंभिक चरण को याद करने में असमर्थ होंते हैं। इसे शैशवकालीन स्मृतिलोप के रूप में जाना जाता है।

4. क्या मरीज की याददाश्त वापस आ सकती है?
यह भूलने की बीमारी के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि किसी अनुचित पदार्थ के सेवन के कारण स्मृति हानि होती है तो उस पदार्थ का उपयोग बंद करने से मदद मिल सकती है। यदि यह अस्थायी व्यापक स्मृतिलोप के कारण है, तो स्मृति को काफी हद तक पुनः प्राप्त किया जा सकता है और इसमें कोई स्मृति हानि नहीं होती है। लेकिन अन्य प्रकार के भूलने की बीमारी में स्मृति की वापसी उसके अंतर्निहित कारणों और विकार की श्रेणी पर निर्भर करती है।

5. हिप्पोकैम्पस क्या है?
ग्रीक में हिप्पोस का अर्थ ’घोड़ा’ और कैम्पस का अर्थ ‘समुद्री राक्षस’ होता है। हिप्पोकैम्पस, मस्तिष्क का वह क्षेत्र जो मुख्य रूप से स्मृति से जुड़ा होता है और इसकी संरचना का आकार समुद्री घोड़े जैसा दिखता है, इसलिये इसे हिप्पोकैम्पस कहा जाता हैं। हिप्पोकैम्पस का मुख्य कार्य़ स्मृतियों को दीर्घकालिक स्मृति में भेजने का हैं। यह एक पोतपरिवहन या शिपिंग केंद्र के जैसा होता हैं, इसमें स्मृतियों की जानकारी लेना, पंजीकरण करना और इनको दीर्घकालिक स्मृति में भेजने से पहले अस्थायी रूप से संग्रहीत करना होता हैं। संक्षिप्त में हिप्पोकैम्पस यह यादों के अभिलेखन या रिकॉर्डिंग और भंडारण दोनों को संयोजित करता है, इसके बिना, कोई भी "स्मृतियाँ संग्रहीत" नहीं हो सकती है।

6.फोर्निक्स क्या है?
फोर्निक्स हिप्पोकैम्पस से प्रारंभ होता है, और यह मैममिल्लियन मस्तिष्क में पाया जाने वाला सफेद पदार्थ का एक सी-आकार का बंडल है, जो हिप्पोकैम्पस और हाइपोथैलेमस के बीच में होता हैं। फोर्निक्स विशेष रूप से दीर्घकालिक स्मृतियों में से अतीत के खास विवरणों को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रासंगिक एपिसोडिक यादों का नियमन करता हैं, जो एक प्रकार की आत्मकथात्मक वर्णनात्मक यादें हैं। फोर्निक्स लिम्बिक सिस्टम का हिस्सा होने के कारण, अनुभूति, स्मृति संग्रहण, भावनाओं और यौन प्रतिक्रियाओं से जुड़ा हुआ हैं।

7. मैममिल्लरी बॉड़ीज क्या है?
मैममिल्लरी बॉड़ीज यह फोर्निक्स के मेहराब या चापनुमा दो सिरों के अग्रभाग में स्थित छोटे गोल पिंडों की जोड़ी हैं, जो लिम्बिक सिस्टम का हिस्सा हैं। मैममिल्लरी बॉड़ीज का प्राथमिक कार्य है, स्मृतियों को पुनः संग्रहित करना। थेटा तरंगें हिप्पोकैम्पस में CA3 न्यूरॉन्स को सक्रिय कर के स्मृतियों को फोर्निक्स के माध्यम से मैममिल्लरी बॉड़ीज तक पहुंचाती है। स्मृति सूचना के संचरण के अलावा, मैममिल्लरी बॉड़ीज पारस्परिक संबंधों के माध्यम से उपयुक्त व्यवहार प्रतिक्रियाओं के निर्माण को सुविधाजनक बनाने में मार्गनिर्देशन भी करती हैं। इसमें किसी तरह की खराबी होने पर रोगियों में एंटेरोग्रेड भूलने की बीमारी हो सकती है, यानी नई प्रासंगिक यादों को याद रखने में असमर्थता।

8. तंत्रिकीय विकार (न्यूरोलॉजी डिसफंगशन)
न्यूरोलोजी संबंधी बीमारियों में आमतौर पर बोलने में अंतर आना, शारीरिक असंतुलन, शरीर में अकड़न, कमजोरी, याददाश्त में कमी, उठने, बैठने चलने में परेशानी, शरीर में कंपन, मांसपेशियों का कठोर होना निगलने में कठिनाई आदि लक्षण पाए जाते हैं। न्यूरो संबंधी अधिकांश बीमारियों का निदान प्रारंभिक अवस्था में संभव है।

9. न्यूरोलॉजी में क्या क्या आता है?
न्यूरोलोजी संबंधी बीमारियों में आमतौर पर बोलने में अंतर आना, शारीरिक असंतुलन, शरीर में अकड़न, कमजोरी, याददाश्त में कमी, उठने, बैठने चलने में परेशानी, शरीर में कंपन, मांसपेशियों का कठोर होना निगलने में कठिनाई आदि लक्षण पाए जाते हैं। न्यूरो संबंधी अधिकांश बीमारियों का निदान प्रारंभिक अवस्था में संभव है।

Post a Comment
Comments should be on the topic and should not be abusive. The editorial team reserves the right to review and moderate the comments posted on the site.
Advertisement
This site uses cookies to deliver our services. By using our site, you acknowledge that you have read and understand our Cookie Policy, Privacy Policy, and our Terms of Use