About Careers Internship MedBlogs Contact us
Medindia
Advertisement

मधुमेही-मोटापा

View in English
Font : A-A+

विषय में

एक अरब से अधिक लोगों के प्रभावित होने के कारण, डायबिटीज आज दुनिया की सबसे बड़ी महामारी बन गया है। सौभाग्य से मोटापे और मधुमेह को जीवनशैली में बदलाव से उलटा किया जा सकता है।

Advertisement

मधुमेही-मोटापा एक ऐसा शब्द है जो मधुमेह के कारण होने वाले मोटापे को इंगित करता है। यह शब्द मोटापे के साथ मधुमेह के घनिष्ठ संबंध को बहुत उपयुक्त रूप से दर्शाता है। यह ज्ञात है कि अधिकांश रोगियों में टाइप 2 मधुमेह, अधिक वजन के लिए जिम्मेदार होता है। यह इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाता है और चयापचय विकार के लक्षणों के समूह में परिणत होता है, जिसे मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक्स या इंसुलिन प्रतिरोध सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। वयस्कों में टाइप -2 मधुमेह में मोटापा आमतौर पर पेट के आसपास अतिरिक्त चर्बी के कारण होता है, जबकि बच्चों में टाइप 2 मधुमेह में मोटापा अधिक सामान्यीकृत होता है।

प्री-डायबिटीज, सिंड्रोम एक्स, मेटाबॉलिक सिंड्रोम या इंसुलिन रेजिस्टेंस सिंड्रोम - ये सभी स्थितियां समान हैं, इन सभी का एक ही मूल कारण है और वह है, कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन प्रतिरोध करने के कारण रक्त में उच्च शर्करा का होना। इंसुलिन सामान्य रूप से चीनी को कोशिका के अंदर भेजता है लेकिन इंसुलिन प्रतिरोध से शरीर में अनेक दोष और ख़राबी आ जाती है, जिन की गंभीरतायें विभिन्न होती है। मधुमेह शब्द उपरोक्त सभी निदानों को शामिल करता है और यह एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें चयापचय असंतुलन शामिल है, जो हल्के रक्त शर्करा असंतुलन से लेकर पूर्ण विकसित टाइप -2 मधुमेह तक हो सकता है और जो अनिवार्य रूप से मोटापे से जुड़ा है, विशेष रूप से पेट का मोटापा

आधुनिक दुनिया की सबसे गंभीर बीमारी मधुमेह का प्रमुख कारण है। यदि मधुमेह है, तो आपको उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, मनोभ्रंश, और यहां तक कि कैंसर और गुर्दे की विफलता का खतरा बढ़ जाता है। गंभीर मधुमेह, तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाता है जिससे हाथों और पैरों में संवेदना का नुकसान होता है, और अन्य विकारों के बीच कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है।

मधुमेह एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है। टाइप -2 मधुमेह, जो सभी मधुमेह के मामलों का 90 प्रतिशत है, दुनिया में कुल वयस्क आबादी का लगभग 6 प्रतिशत इस से प्रभावित है। अधिक चिंता की बात यह है कि बच्चों और किशोरों में मोटापे से संबंधित टाइप-2 डायबिटीज के मामले सामने आने लगे हैं। 2005 में संयुक्त राज्य अमेरिका में की गई एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में की गणना में यह पाया गया कि बच्चों में मोटापे की दर बढ़ कर 17.1 प्रतिशत हो गई थी। इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2006 में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मधुमेह को एक 'बड़ी जटिलताओं से जुड़ी, गंभीर, दुर्बल करने वाली और महंगी बीमारी, जो परिवारों, देशों और पूरी दुनिया के लिए गंभीर जोखिम पैदा करने वाली है’, माना गया।

डॉ. कॉफ़मैन ने अपनी पुस्तक 'मधुमेह' में मधुमेह का कारण बहुत ही सरलता से समझाया वह यह है कि: "हमारे प्राचीन जीन और हमारे आधुनिक वातावरण का टकराना है।" हमारे पूर्वज भोजन के लिए शिकार किया करते थे और उस समय कैलोरी का जमा होना मुश्किल था इसलिए शरीर में यह वसा के रूप में संग्रहीत हो जाती थी। लेकिन आज दुनिया में फास्ट फूड और जंक फूड के रूप में भोजन हर जगह और आसानी से उपलब्ध है और इसके अलावा हमारी तेजी से निष्क्रिय जीवनशैली बन गई है - जिसके परिणामस्वरूप मोटापा बढ़ रहा है।

यदि हम अपनी जीवन शैली में बदलाव करें तो मधुमेह का इलाज किया जा सकता है और इसे उलटा भी किया जा सकता है, लेकिन इसे ठीक करने के लिए हमें इस विकार के मूल कारण की खोज करनी होगी।


Post a Comment
Comments should be on the topic and should not be abusive. The editorial team reserves the right to review and moderate the comments posted on the site.
Advertisement
This site uses cookies to deliver our services. By using our site, you acknowledge that you have read and understand our Cookie Policy, Privacy Policy, and our Terms of Use