इस जॉंच को यदि प्रात: काल के पेशाब के नमूने से किया जाए तो ज़्यादा विंश्वसनीय परिणाम मिलते हैं । ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रात भर में जो पेशाब, पेशाब की थैली में जमा होता है उसमें एच सी जी हार्मोन की मात्रा अधिक रहती है !
सही रिज़ल्ट के लिए गृह गर्भाधान किट के ऊपर दिए गए निर्देशों का पालन सावधानी पूर्वक करना चाहिए ।
गृह गर्भाधान जॉंच करने की विधि
पेशाब जमा करने के एक साफ़ बरतन में पेशाब जमा कर लें ।
जॉंच के साधन को एक समतल सतह पर रखें और एक ड्रॉपर से १-२ बून्द पेशाब उसमें बने गड्ढे मे डालें ।
कुछ मिनट तक इंतज़ार करे ( पीछे दिए गए निर्देशों के अनुसार) और फिर जॉच के रिज़ल्ट को देख कर समझें ।
( जॉंच करने की विधि किट के विभिन्न ब्रांड के अनुसार भिन्न भिन्न हो सकती है। कुछ जॉच की पट्टी को सीधे ही पेशाब की धार के नीचे रखा जा सकता है और उसमें पेशाब को किसी बरतन में जमा करने की ज़रूरत नहीं होती है । )
जॉच के रिज़ल्ट को निर्धारित समय के भीतर ही पढ़ना चाहिए। बहुत जल्दी या बहुत देर करने से परिणाम ग़लत भी हो सकते हैं ।
गर्भाधान जॉंच किट में दो क्षेत्र चिन्हित किए होते हैं - 'C'. और 'T'. T का अर्थ जॉंच का नमूना है और C का अर्थ कंट्रोल है। गर्भाधान जॉच का परिणाम चाहे जो हो पर यदि जॉंच सही तरीक़े से किया गया है तो C की जगह पर तुलनात्मक पट्टी ज़रूर दिखायी पड़ती है ।
यदि C और T दोनों जगहों पर रंगीन पट्टी दिखायी पड़ती है तो जॉंच सकारात्मक होता है । परन्तु यदि T की जगह पर कोई पट्टी नहीं दिखायी पड़े तो इसका अर्थ जॉंच नकारात्मक है। यदि एच सी जी हार्मोन की मात्रा पेशाब में कम होती है तो दोनों में से कोई भी पट्टी दिखायी नहीं पड़ती है और यदि दिखती भी है तो बहुत ही फीकी । इस परिस्थिति में यह सुझाव दिया जाता है कि इस जॉंच को ७२ घंटे बाद दुबारा किया जाए ।