About Careers Internship MedBlogs Contact us
Medindia
Advertisement

मधुमेह से जुड़ी शीर्ष दस त्वचा स्थितियां

View in English
Font : A-A+

मधुमेह और त्वचा की देखभाल

मधुमेह मेलिटस एक चयापचय संबंधित विकार है, जो इंसुलिन की कमी से पूर्ण या सापेक्ष रूप से संबंधित हैं, जिसके कारण रक्त ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता हैं। इसके साथ अनेक जटिल समस्यायें जुड़ी हुई है, जिन में से त्वचा-विकार एक हैं।

Advertisement

मधुमेह में त्वचा की उचित देखभाल में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखना और त्वचा की जटिलताओं को रोकने के उपाय शामिल हैं।

मधुमेह के बारे में दिलचस्प आंकड़े

  • दुनिया भर में मधुमेही व्यक्तियों की संख्या 1980 में 108 मिलियन से बढ़ कर 2014 में 422 मिलियन हो गई है। यह छोटे और मध्यम आय वाले देशों में तेजी से बढ़ रही है।
  • वैश्विक स्तर पर, वयस्कों यानी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में मधुमेह का प्रसार 1980 के 4.7% से बढ़ कर 2014 में 8.5% तक पहुँच गया है।
  • डबल्यू.एच.ओ (WHO) के अनुसार, 2030 तक मधुमेह मृत्यु का सातवां सबसे आम कारण बन सकता है।
  • केवल वर्ष 2012 में, लगभग 1.5 मिलियन लोगों की मृत्यु के लिए मधुमेह सीधे तौर पर जिम्मेदार था और भविष्य में 2.2 मिलियन लोगों की मृत्यु उच्च रक्त शर्करा के स्तर के कारण होने का अनुमान हैं ।
  • मधुमेह मधुमेह हृदय-रोग होने का एक प्रमुख कारण है , लकवा (स्ट्रोक), अंधापन, गुर्दे की विफलता और निचले अंग का अंगच्छेदन हैं।

मधुमेह और त्वचा संबंधी जटिलताएं

मधुमेह , न केवल ऊपरोक्त सूचीबद्ध गंभीर जटिलताओं का कारण बनता है, बल्कि यह त्वचा को कई तरह से प्रभावित भी कर सकता है। मधुमेह में त्वचा से जुड़ी आम जटिलताएं निम्न हैं:

1. जीवाणु संक्रमण-

मधुमेह में जीवाणु संक्रमण के कई प्रकार है। इनमें शामिल हैं:

  • गांठनुमा फुंसी (स्टाई) - पलक की ग्रंथियों का संक्रमण
  • फॉलिकुलिटिस - बालों के रोम में संक्रमण
  • फोड़े (कार्बुनकल) - त्वचा पर संक्रमित फोड़े का समूह
  • एक्यूट पैरोनिशिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) - बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण पैरों और हाथ नाखून के आस-पास की त्वचा लाल, गर्म, सूजी हुई और दर्द युक्त हो जाती हैं।

गैर-मधुमेह व्यक्तियों में होने वाले संक्रमणों की तुलना में इन संक्रमणों को ठीक होने में अधिक समय लगता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रोगाणु ग्लूकोज युक्त वातावरण में पनपते हैं। इनमें से अधिकांश संक्रमणों को एंटीबायोटिक दवाओं के साथ या क्रीम जैसे सामयिक अनुप्रयोगों के साथ प्रबंधित करने की आवश्यकता होती है।

२. फंगल संक्रमण-

खमीर (ईस्ट) जैसा कवक (फंगस) 'कैंडिडा एल्बीकैंस' मधुमेह के रोगियों में अधिकांश फंगस संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है। संक्रमण त्वचा के गर्म, नम क्षेत्रों जैसे त्वचा की परतों के नीचे, और कमर और बगल में होता है। संक्रमण वाले स्थान पर घाव या चकत्ते होते हैं जो चारों बहुत छोटे-छोटे फफोले से घिरे रहते हैं। इन पर पपड़ी आ जाती हैं, जिसमें खुजली आती हैं, फलस्वरूप धाव भर नहीं पाते।

इन संक्रमणों के प्रबंधन में इन क्षेत्रों को सूखा रखना और सामयिक स्टेरॉयड और ऐंटिफंगल दवाओं का उपयोग शामिल है। बार-बार होने वाले संक्रमणों को रोकने के लिए मधुमेह का नियंत्रण महत्वपूर्ण है।

3. खुजली या प्रुरिटिस-

मधुमेह में खुजली विभिन्न कारणों से हो सकती है जैसे फंगल संक्रमण, त्वचा का सूखापन या खराब रक्त संचार। रक्त संचार खराब होने पर निचले अंग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इसकी उपचार विधियाँ निम्न हैं:

  • त्वचा को नम रखने के लिए लोशन और क्रीम का उपयोग करें
  • गर्म पानी से नहाना नहीं चाहिए
  • त्वचा को रूखी करने वाले साबुन का प्रयोग ना करें
  • रक्त संचार में सुधार के लिए पैरों को ऊपर रखें।

4. सफेद दाग (विटिलिगो)-

यह अवस्था तब उत्पन होती हैं जब त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार वर्णक (मेलेनिन ) कोशिकाएं मृत या कार्य करने में असमर्थ रहती हैं। आमतौर पर टाइप 1 मधुमेह के रोगियों में होता है।

ये सफेद दाग ज्यादातर कोहनी, घुटनों और हाथों पर होते हैं। प्रभावित होने वाले अन्य हिस्से हैं मुंह, नाक और आंखों के आसपास के क्षेत्र। इन में कोई पीड़ा, खुजली नहीं होती हैं और ये समय के साथ बढ़ जाते है। लेकिन धुप की रौशनी से इसमें हलकी जलन हो सकती हैं। जिस जगह पर यह होता है वहाँ के बालों का रंग भी काले से सफ़ेद हो जाता है। शरीर पर सफेद चकतों से एक मानसिक तनाव हो जाता हैं, खास कर गहरी त्वचा वालें, सामाजिक दबाव महसूस करते हैं। उपचार विधियाँ निम्न हैं

  • स्टेरॉयड का उपयोग
  • टैटूइंग (माइक्रोपिगमेंटेशन) हल्के दागों को काला करने के लिए मेलेनिन से गुदवाना
  • धूप से झुलसने (सनबर्न) से बचने के लिये धूपरोधक (सनस्क्रीन) सनस्क्रीन का उपयोग करें जो 30 या अधिक के एसपीएफ़ वाली हो।

5. मधुमेह स्नायुरोग (मधुमेह न्यूरोपैथी)-

इसके कारण त्वचा में परिवर्तन हो जाता है। मधुमेह न्यूरोपैथी यह मधुमेही माइक्रोवैस्कुलर क्षति का परिणाम है, जिसमें छोटी रक्त वाहिकायें शामिल होती हैं, तंत्रिका क्षति के कारण यह अवस्था आती है। यह माना जाता है कि उच्च रक्त शर्करा का स्तर अज्ञात प्रक्रियाओं द्वारा तंत्रिका तंतुओं को नुकसान पहुंचाता है। परिधीय न्यूरोपैथी के कारण झुनझुनी और जलन होती है और जब यह अपने चरम सीमा पर पहँच जाती हैं तो इन्द्रियबोध खत्म होने लगता हैं। कुछ लोगो में फफोले हो जाते हैं जो जले हुए फफोले की तरह दिखते हैं। इन घावों को 'बुलोसिस डायबिटिकोरम' कहा जाता है। असंवेदनशील जगहो पर बार-बार चोट लगने से पैर में छाले हो कर संक्रमित हो जाते हैं और बाद में ये विकृति में बदल जाते हैं। कई मामलों में, रोगी को यह भी पता नहीं चल सकता है कि फफोले दिखाई दिए हैं, खासकर अगर तंत्रिका क्षति हो तो। रोगीयों को चाहिए कि इन असंवेदनशील भागों की चोटों से रक्षा करें।

6. इंसुलिन से एलर्जिक प्रतिक्रिया-

इंसुलिन से चकत्ता (रैशेज) या ददोड़ा के रूप में एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकता है। इंसुलिन इंजेक्शन लेने वाले मरीजों को इंजेक्शन वाले स्थान में ऐसे घावों की तलाश करनी चाहिए। एलर्जी प्रतिक्रियाओं के हल्के रूपों का इलाज एंटीहिस्टामाइन के साथ किया जा सकता है। गंभीर प्रतिक्रियाओं के लिए आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। कई बार एलर्जिक प्रतिक्रिया वाली इंसुलिन को बदल कर अन्य दूसरी इंसुलिन लेने से भी एलर्जिक प्रतिक्रिया में मदद मिलती है।

7. ज्वालामुखी पीताबुर्द ( इरप्टिव ज़ैंथोमैटोसिस)-

ये फोड़े दृढ़, पीले-नारंगी, लाल भूरे रंग के और मटर के आकार के होते हैं । जो झुंड़ में लाल आभामंडल के साथ अचानक सारे शरीर पर दिखाई देते हैं। वे पैरों, हाथों और नितंबों के पीछे होते हैं और उनमें अक्सर खुजली होती है।

वे तब होते हैं जब रक्त शर्करा का स्तर बहुत अनियंत्रित होता है और रक्त में ट्राइग्लिसराइड का स्तर अधिक होता है।

उपचार - रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करे और लिपिड के स्तर को कम करने के लिए दवाईयाँ लेवें।

8. डिजिटल स्केलेरोसिस-

डिजिटल स्केलेरोसिस एक ऐसी स्थिति है जहां उंगलियों और पैर की उंगलियों पर त्वचा मोटी, चमकदार और फैली हुई हो जाती है। जोड़ों में अकड़न भी हो सकती है।

उपचार में बेहतर मधुमेह नियंत्रण, और त्वचा को कोमल बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइज़र और क्रीम का उपयोग शामिल है।

9. डिसेमिनेटेड ग्रेन्युलोमा एनुलारे-

ये घाव गोल या कमान के आकार के नुकीले चकत्ते होते हैं जो लाल, भूरे या त्वचा के रंग के भी हो सकते हैं। वे अक्सर उंगलियों और कानों पर देखे जाते हैं, लेकिन पेट और छाती की त्वचा पर भी हो सकते हैं।

कोई उपचार आवश्यक नहीं है, हालांकि हाइड्रोकार्टिसोन जैसे सामयिक स्टेरॉयड फायदेमंद हो सकते हैं।

10. एकैंथोसिस निगरिकन्स-

यह एक काफी आम त्वचा पिगमेंटेशन की कमी का विकार है। जिसकी विशेषताओं में त्वचा के काले घेरे, सिलवटों, सिकुड़न और मखमली दाग या चकते शामिल हैं। इस बीमारी में शरीर की जो त्वचा प्रभावित हुई है, वह मोटी हो सकती है। आमतौर पर, एकैंथोसिस निगरिकन्स आपके बगल, कमर, स्तन और गर्दन को प्रभावित करता है।

त्वचा का यह विकार या बदलाव आमतौर पर उन लोगों में होता हैं जो मोटापे से परेशान हैं या जिन्हें मधुमेह है। यह अक्सर मधुमेह की शुरुआत से पहले होता है और इसे मधुमेह के आरंभ चिह्नक के साथ-साथ इंसुलिन प्रतिरोध का प्रकटीकरण भी माना जाता है। वजन कम होने से स्थिति में सुधार हो सकता है।

मधुमेह में त्वचा की देखभाल के नुस्खे:

यह आवश्यक है कि रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखा जाए। निम्नलिखित अतिरिक्त उपाय त्वचा की देखभाल और जटिलताओं की रोकथाम में भी सहायता कर सकते हैं।

  • बहुत सारा पानी और चीनी मुक्त पेय पीएं जो त्वचा को अच्छी तरह से नम (हाइड्रेटेड) रखेंगे।
  • रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है कि उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल जो एक दूसरे से संबंधित हैं, इन दोनों पर कड़ा नियंत्रण किया जायें।
  • संक्रमण के किसी भी लक्षण जैसे कि दाने, छाले या फोड़े की तलाश करें और तुरंत चिकित्सा करें।
  • चुस्त (टाइट) जुते, चप्पल ना पहनें और नंगे पांव चलने से बचें। गंभीर जटिलताओं से बचाने के लिए और पैरों को गंभीर स्थिति से बचने के लिये नियमित जांच महत्वपूर्ण है।
  • मछली, सालमन, अखरोट, अलसी और सोया जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ये त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।

Post a Comment
Comments should be on the topic and should not be abusive. The editorial team reserves the right to review and moderate the comments posted on the site.
Advertisement
Advertisement
This site uses cookies to deliver our services. By using our site, you acknowledge that you have read and understand our Cookie Policy, Privacy Policy, and our Terms of Use