About Careers Internship MedBlogs Contact us
Medindia
Advertisement

घरेलू उपाय फटे होठों के लिये

View in English
Font : A-A+
कैसे फटते हैं होठ ?

सर्दी के मौसम में होठों का फटना, रूखा होना, होठ की ऊपरी परत का लाल होना आम लक्षण हैं । होठों पर पतली चमड़ी की परत होती हैं इसलिए रूखे होने पर फटने की संभावना और बढ़ जाती हैं।
तौर पर सूर्य की तेज रोशनी, निर्जलीकरण और होठों को चूसने से होठ सूखने लगते हैं। ऐसे में होठों पर लिप बाम लगाने या फिर अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने पर होठ सूखते नहीं हैं। मौसम में परिवर्तन के कारण ही होठ रूखे होने लगते हैं, जिसके बाद होठ की ऊपरी परत धीरे धीरे फटने लगती हैं। लंबे समय तक सूखे होठ गंभीर स्वास्थ्य परेशानी की ओर इशारा करते हैं । कुछ लोगों में होठ फटने की गंभीर समस्या होती हैं, जिसे चेइलिटिस कहते हैं। होठ के किनारों में दरार किसी बीमारी या फिर संक्रमण के कारण होती हैं।

Advertisement
सूखे होठ के कारण क्या हैं ?

होठों में तेलीय ग्रंथी नहीं होती हैं जो इसे रूखा होने के लिए अति संवेदनशील बनाती हैं,जिसके फलस्वरूप होठ फटने लगते हैं। मौसम और समयानुसार नमी की वजह से यह समस्या और जटिल हो जाती हैं। मुंह से स्वास लेने की वजह से भी होठ सूखते हैं क्योंकि हवा होठ को रूखा बनाती हैं। मौसम में परिवर्तन, कॉस्मेटिक उत्पाद से एलर्जी, संक्रमण, दवा, नीर्जलीकरण, शोगेन सिंड़्रोम, धूम्रपान और पोषक तत्वों की कमी होठ को रूखा बनाने के प्रमुख कारक हैं। होठों में तेलीय ग्रंथी नहीं होती हैं जो इसे रूखा होने के लिए अति संवेदनशील बनाती हैं,जिसके फलस्वरूप होठ फटने लगते हैं। मौसम और समयानुसार नमी की वजह से यह समस्या और जटिल हो जाती हैं। मुंह से स्वास लेने की वजह से भी होठ सूखते हैं क्योंकि हवा होठ को रूखा बनाती हैं। मौसम में परिवर्तन, कॉस्मेटिक उत्पाद से एलर्जी, संक्रमण, दवा, नीर्जलीकरण, शोगेन सिंड़्रोम, धूम्रपान और पोषक तत्वों की कमी होठ को रूखा बनाने के प्रमुख कारक हैं।
मौसम संबंधित परिवर्तन: - सर्दी के समय होठ ज्यादा रूखे हो जाते हैं पर कुछ लोगों के होठ गर्मी में भी सूखने लगते हैं। होठों में लाल पिगमेंट मेलानिन होता हैं, जो पराबैंगनी किरणों से इन्हें बचाता हैं ।गर्मी के मौसम में सूर्य के सामने पड़ने और निर्जलीकरण की वजह से समस्या और गम्भीर हो जाती हैं। गर्मी के मौसम में पसीना आने की वजह से लोग पेट्रोलियम जेली को व्यवहार में भी नहीं लाते हैं। सर्दी के मौसम में लम्बे समय तक नहाने, बंद कमरे में गर्म वातावरण, आद्रता की कमी और कम पानी पीने की वजह से होठ सूखते हैं। जब बाहर की हवा ठंडी और सूखी हो त्वचा में नमी कम होती हैं और होठ फटने लगते हैं।

निर्जलीकरण : - जब कभी भी होठ सूखने लगते हैं, तो लोग इन्हें चूसने लगते हैं लेकिन चूसने के बाद वह फिर सूख जाते हैं। इसलिए उसे फिर से इसे जीभ की मदद से गीला कर देते ताकि वह सूखे नहीं, लेकिन इससे निर्जलीकरण होता हैं। क्योंकि सलाइवा होठ के नमी को सोख लेती हैं और जिससे होठ और रूखे हो जाते हैं।

होठों को चूसना: - जब कभी भी होठ सूखने लगते हैं, तो लोग इन्हें चूसने लगते हैं लेकिन चूसने के बाद वह फिर सूख जाते हैं। इसलिए उसे फिर से इसे जीभ की मदद से गीला कर देते ताकि वह सूखे नहीं, लेकिन इससे निर्जलीकरण होता हैं। क्योंकि सलाइवा होठ के नमी को सोख लेती हैं और जिससे होठ और रूखे हो जाते हैं।

पोषक तत्वों की कमी:- पोषकतत्व की कमी विशेषकर विटामीन ए, ई, बी-कॉमप्लेक्स विटामिन, जिंक और जरूरी वसा की कमी से होठ सूखते हैं। विटामिन ए, ओमेगा एसिड और विटामिन बी-2 त्वचा को ठीक होने में मदद करते हैं और स्वास्थ बाल, नाखून और त्वचा जिसमें होठ भी शामिल हैं, कि देखभाल करने में मदद करते हैं। इन विटामिनों की कमी से होठ रूखे होते हैं। पोषकतत्वों की कमी, शारीरिक गतिविधि और बढ़ती उम्र की वजह से जिंक की कमी होती हैं जिससे होठ फटते हैं। विटामिन बी-6 की कमी से त्वचा में खराबी जैसी समस्या, मुंह के किनारे का फटना और सूजन होती हैं। उम्र बढ़ने से एंटि ऑक्सिडेंट विटामिन जैसे विटामिन सी और ई की कमी होती हैं जिससे भी होठ ज्यादा सूखने लगते हैं।

एलर्जी :- टूथपेस्ट जिसमें सोडियम लायुरिल सलफेट (एसएलएस) व गुएआजुलिन और लिपस्टिक जिसमें फिनेल सेलिसिलेट होता हैं उससे भी होठ सूखते हैं। लम्बे समय तक विटामिन बी-12 से भी एलर्जी होती हैं और होठ सूखने लगते हैं। इसके अलावा खाद्य पदार्थ, डाय, खुशबू या फिर कॉस्मेटिक उत्पाद से होठ रूखे हो जाते हैं।

दवाइयों से होने वाले नुकसान :- डिप्रेशन के इलाज के लिए लिदियम, केमिओ थैरेपी दवा, मुहांसों व झुर्रियों के लिए एक्युटेन, बल्डप्रेशर के लिए प्रोप्रानोलोल और सिर में चक्कर आने पर प्रोक्लोरपेराजिन से भी होठ रूखे पड़ते हैं।

रूखे होठों के इलाज का घरेलू उपाय

जहां लिप बाम और पेट्रोलियम जेली से होठ जल्द ठीक हो जाते हैं, वहीं निम्नलिखित घरेलू उपाय रूखे होठों के लिए सस्ता, सुरक्षित व अति प्रभावी उपाय हैं।

पपीता

पपीता रुखे होठों का विकार दूर करने का प्राकृतिक उपाय हैं। पिसे हुए पपीते के लेप को होठों पर लगाएं और उसे 10 मिनट तक सूखने दें।

खीरा

खीरे के छोटे टुकड़े को रूखे होठों पर लगाने के बाद उसे 15-20 मिनट के लिए छोड़ें और उसे बाद में धो लें। इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहराना चाहिए। खीरा रूखे होठों को राहत देता हैं।

तेल/जेल

एलोवेरा जेल, ओलिव ऑयल, सरसों का तेल, नारियल के तेल का होठों पर दिन में कई बार इस्तेमाल प्राकृतिक आद्रता का काम करता हैं और रूखे व फटे होठों को लाभ देता हैं।

गुलाब की पंखुड़ियांकच्चे दुध में गुलाब के पंखुड़ियों को 4-5 घंटे तक डुबोएं रखे और उस मिश्रण का पेस्ट तैयार कर उस पेस्ट का दिन में 2-3 बार इस्तेमाल करें विशेषकर रात में सोने से पहले। होठों के रूखेपन की समस्या तो दूर होगी ही साथ ही होठों की त्वचा मुलायम भी होगी।

चीनी और शहद फटे होठ से मृत कोशिकाओं को हटाना होठ को उसकी प्राकृतिक रूप से नरम व मुलायम बनाता हैं। शहद फटे होठो में नमी लाकर उसे ठीक करता हैं जो शहद का सबसे बेहतर व प्राकृतिक गुण हैं। एक चम्मच शहद में दो चम्मच चीनी मिलाएं उस मिश्रण को अपने होठों पर लगाएं और उसे कुछ समय के लिए रखें। इस मिश्रण को फटे होठों पर लगाएं जिससे मृत कोशिकाएं खत्म होती हैं। उसे बाद में थोड़े गर्म पानी से धो लें। अन्य उपाय

फटे होठों पर जेल लगाने से उसकी रूखे परत को हटा लें और रुखे होठों से छुटकारा पाने के लिए घर से बाहर निकलने से पहले सन स्क्रीन लगाएं। लिप बाम खरीदते वक्त विटामिन ई या ग्लीसरिन युक्त लिप बाम खरीदें, जिसमें सूर्य के किरणो से बचने के लिए सामग्री हो, जैसे नारयल का मक्खन, मोम, शिया मक्खन, आमंड तेल, रेंडी, लैनोनिल हों।

रूखे होठों को राहत देने के कुछ आहार संबंधित सुझाव
-निर्जलीकरण से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ का सेवन रोजाना करें।

विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पीले, लाल, नारंगी सब्जी व फल और विटामिन ई युक्त खद्य पदार्थ जैसे बादाम, पत्तीदार सब्जी व अनाज होठों को फटने व रूखा होने से बचाते हैं।।

विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे खट्टे फल का रोजाना सेवन करने से कोलाजेन बढ़ता हैं जो होठ को नर्म बनाता हैं।।

सैलमन में ओमेगा-3 होता हैं जिसका रोजाना सेवन करना चाहिए।।


Post a Comment
Comments should be on the topic and should not be abusive. The editorial team reserves the right to review and moderate the comments posted on the site.
Advertisement
Advertisement
This site uses cookies to deliver our services. By using our site, you acknowledge that you have read and understand our Cookie Policy, Privacy Policy, and our Terms of Use