Dr. Sudha Seetharam द्वारा लिखित | Shaila Shroff द्वारा समिक्षित लेख on Oct 3 2017 5:45AM
मधुमेह रेटिनोपैथी का निदान
ऑफ्थल्मोस्कोपी के साथ आंखों की जांच, दृश्य पैनापन, टोनोमेट्री, फंडस फ्लुरेस्सेन एंजियोग्राफी और रेटिना फोटोग्राफी की सहायता के साथ मधुमेह रेटिनोपैथी का निदान।
निम्न परीक्षणों की सहायता से मधुमेह रेटिनोपैथी का निदान किया जाता हैं-
आंखों की जांच - आंख की पुतलियों को फैलाकर, नेत्र रोग विशेषज्ञ रेटिना की जांच एक ऑफ्थल्मोस्कोप नामक उपकरण के साथ करता हैं -
रक्त वाहिकाओं में रिसाव
मेक्यूलर एडिमा (रेटिना के मध्य भाग की सूजन, वह क्षेत्र जो मध्य दृष्टि के लिए जिम्मेदार हैं)
फीका, वसायुक्त जमाव (इन्हें रेटिना पर लिपिड कहा जाता हैं, जो रक्त वाहिकाओं में रिसाव का संकेत देते हैं
क्षतिग्रस्त ऑप्टिक तंत्रिका ऊतक/टिश्यु
आँखों की रक्त वाहिकाओं में बदलाव
दृश्य तीक्ष्णता - नेत्र रोग विशेषज्ञ यह भी जांच कर सकते हैं कि रोगी विभिन्न दूरियों पर कितनी अच्छी तरह देख सकते हैं।
टोनोमेट्री- नेत्र रोग विशेषज्ञ आंखों में दबाव को भी माप सकते हैं, टोनोमीटर की सहायता से ग्लुकोमा के लक्षणों की जांच, जो आमतौर पर मधुमेह से प्रभावित लोगों में होती हैं।
फंडस फ्लुरेस्सेन एंजियोग्राफी (एफ एफ ए) - यह एक इमेजिंग तकनीक हैं जो आंखों की नाड़ियों की स्पष्ट छवि देती हैं और नेत्र देखभाल व्यावसायिक को रक्त वाहिकाओं में किसी प्रकार के रिसाव हो रहा हैं इसका का पता लगाने में मदद करती हैं।
रेटिना फोटोग्राफ - रेटिना फोटोग्राफी एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमें रेटिना की तस्वीर ली जाती हैं और उसकी असामान्यताओं का मूल्यांकन किया जाता हैं।