मिथक: अपने आहार में चीनी बिल्कुल ना लेवें ।
तथ्य: यदि आपको मधुमेह है तो इसका यह अर्थ नहीं है कि आप अपने आहार से चीनी को बिल्कुल ही हटा दें। अगर ठीक से योजना बनाई जाए तो व्यक्ति अपने पसंदीदा व्यंजनों का आनंद ले सकता है। मिठाई खाते समय, सुनिश्चित करें कि यह एक स्वस्थ भोजन योजना का हिस्सा है, या इसे किसी प्रकार के व्यायाम के साथ मिलाएं। सफलता की कुंजी है, संतुलित और संयमित आहार।
यदि आप मिठाई खाने की योजना बना रहे हैं तो अन्य कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, चावल, अनाज, फलों का रस, आलू और मक्का आदि कम खाने की सलाह दी जाती है। इस से रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने में मदद मिलती हैं। लेकिन ऐसा अक्सर करना उचित नहीं है क्योंकि यह शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित करता है।
मिथक: कम कार्ब वाला डायबिटिक आहार अच्छा है इसलिए इसे कम करें
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तथ्य: कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित करते हैं, लेकिन आपको इनसे पूरी तरह बचना नहीं है। किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाने हैं और उन्हें अपने बाकी आहार में कैसे संतुलित किया जाए, इसके बारे में आपको समझना आवश्यक है।
जटिल कार्ब्स का उपभोग करें क्योंकि वे फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं और धीरे-धीरे पचते हैं, जिस से रक्त शर्करा का स्तर को नियंत्रित रहता हैं। ये जटिल कार्बोहाइड्रेट स्टार्च वाली सब्जियों में पाए जाते हैं, फलियों और साबुत अनाजों में जैसे कि ब्राउन चावल, साबुत अनाज , बाजरा, जई आदि।
कार्बोहाइड्रेट को संतुलित करने के लिए टिप्स:
मधुमेह आहार वाले लोगों के लिए सुझाव:
खाने की आदतों को नियमित करें: डायबिटीज के मरीजों के लिए नियमित खान-पान जरूरी है। नियमित भोजन कार्यक्रम बनाए रखने से शरीर को रक्त शर्करा के स्तर को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलती है। रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने की कुंजी हैं प्रत्येक भोजन के लिए मध्यम और सुसंगत भाग आकार का होना।
नाश्ता न छोड़ें: दिन की शुरुआत करें एक अच्छे नाश्ते के साथ। नाश्ता करने से आप ऊर्जावान रहते हैं और ब्लड शुगर का स्तर स्थिर बना रहता है।
नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे भोजन करें: भूख लगने पर लोग अधिक मात्रा में खाना खाते हैं, इसलिए नियमित अंतराल पर खाने से मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
दैनिक कैलोरी की मात्रा समान रखें: कैलोरी की मात्रा को विनियमित करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। मोटे तौर पर एक दिन या एक विशेष भोजन में अधिक भोजन करने और फिर अगले भोजन को छोड़ने के बजाय, प्रतिदिन उतनी ही मात्रा में कैलोरी का उपभोग करने का प्रयास करें।