Dr. Ramya Ananthakrishnan द्वारा लिखित | Shaila Shroff द्वारा समिक्षित लेख on Oct 29 2021 1:20PM
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. अगर मुझे गर्भकालीन मधुमेह विकसित हो जाए तो मुझे किस डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए?आप अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ किसी एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से सलाह लें।
2. मैं गर्भवती हूँ, मेरे माता-पिता मधुमेही है, तो क्या मुझे गर्भकालीन मधुमेह हो सकता हैं?चूंकि आपके माता-पिता मधुमेही है, इसलिए आपके गर्भावधि मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए नियमित अंतराल पर अपने ब्लड ग्लूकोज़ की निगरानी करते रहें।
3.मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे गर्भावधि मधुमेह है?गर्भवस्था में हर तीन महीने में कम से कम एक बार रक्त की जांच की जाती है। इससे मधुमेह की स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी।
4.
डॉक्टर ने मुझमें गर्भकालीन मधुमेह का निदान किया है। क्या मुझे इंसुलिन की आवश्यकता होगी?
यदि आपका शर्करा स्तर आहार और मध्यम नियमित शारीरिक गतिविधि से नियंत्रित नहीं है, तो आपको इंसुलिन की आवश्यकता हो सकती है। यह आपके रक्त परीक्षण के आधार पर आपके डॉक्टर द्वारा तय किया जाएगा।
5. क्या बच्चे के जन्म के बाद भी मुझे डायबिटीज रहेगी?यदि आपको गर्भकालीन मधुमेह हैं, तो आमतौर पर प्रसव के बाद इंसुलिन का स्राव कम हो जाता है और डिलीवरी के बाद डायबिटीज खुद-ब-खुद दूर हो जाती है। जब शिशु का जन्म होता है, तो अस्पताल से जाने के पहले डॉक्टर मधुमेह की जांच करते हैं। इसके अलावा, प्रसव के बाद छह सप्ताह में होने वाली जांच में मधुमेह की जांच की जाती है। लेकिन अगर आपको गर्भावस्था से पहले मधुमेह था, तो यह स्थिति बनी रहेगी। हर साल अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करना बेहतर होता है, क्योंकि अध्ययनों से पता चला है कि गर्भकालीन मधुमेह माताओं में भविष्य में मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है।
6. क्या जन्म के बाद भी गर्भावस्था के दौरान रही मधुमेह मेरे बच्चे को प्रभावित करेगी?
जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह होता है, उनके बच्चे को टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है। बच्चे को तब तक मधुमेह नहीं होगा जब तक कि शिशु में कोई अन्य अंतर्निहित चयापचय संबंधी विकार न हो। बच्चे के जन्म के बाद जब तक शिशु के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन संतुलित नहीं हो जाता, तब तक उसके शरीर में शर्करा की कमी हो सकती है। इस अवस्था को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। ऐसे में शिशु के जन्म के बाद डॉक्टर नवजात कक्ष में शिशु के ब्लड शुगर की निगरानी कर सकते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि बच्चे को भविष्य में मधुमेह हो सकता है और यह बच्चे की जीवनशैली पर निर्भर करेगा जैसे कि आहार और शारीरिक गतिविधि।
7.
अगर मुझे पहली गर्भावस्था में मधुमेह था, तो क्या ये दूसरी गर्भावस्था में भी हो सकता है?
ऐसा हो सकता है, लेकिन हर बार ऐसा होना जरूरी नहीं है। अगर पिछली गर्भावस्था में इंसुलिन दिया गया हो, तो दूसरी गर्भावस्था में इसके होने की आशंका ज्यादा हो सकती है। इसके अलावा, पहले की गर्भावस्था में हुई डायबिटीज के बाद दूसरी गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर रक्त शर्करा पर नजर बनाए रखते हैं। 16 वें से 18 वें सप्ताह की गर्भावस्था के बीच ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट करवाया जा सकता है। अगर परिणाम सकारात्मक आए, तो 28वें सप्ताह में फिर से जांच की जा सकती है।