मधुमेह आहार – डायबिटिज मेलिटस
:डायबिटिज मेलिटस एक मेटाबॉलिज्म (चयापचय)हार्मोन संबंधी विकार हैं। यह तब होता हैं, जब शरीर अग्न्याशय(पैनक्रियाज) द्वारा उत्पन्न होने वाले हार्मोन "इंसुलिन" का उपयोग नहीं कर पाते। मधुमेह के प्रमुख रूप से दो प्रकार होते हैं:
टाइप1:- इसे पहले इंसुलिन आश्रित मधुमेह मेलिटस (आई डी डी एम) या किशोर मधुमेह- (शुरुआत)कहा जाता था ।
टाइप 2 :- इसे पहले इसे गैर इंसुलिन-निर्भर डायबिटीज मेलिटस (एन आई डी डी एम) या परिपक्वव मधुमेह- शुरुआत कहा जाता था ।
दोनों ही प्रकार के डायबिटिज की एक ही मुख्य विशेषता हैं कि इंसुलिन का पर्याप्त मात्रा में या पूरी तरह से नहीं बनने के कारण रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर बढ़ जाता हैं । ।
इंसुलिन या मौखिक हाइपोग्लाइसेमिक दवाओं के साथ संयोजित आहार, मधुमेह को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। हालांकि सही तरीके से भोजन करना महत्वपूर्ण हैं, परन्तुं इसका यह मतलब नहीं हैं कि किसी व्यक्ति को पूरी तरह से मिठा खाना छोड़ देना चाहिए। मधुमेह आहार की सलाह से घबराना नहीं चाहिए। यह न तो कोई यातना हैं और ना ही कोई बुरा स्वप्न ; आपके लिये यह एक नवीन प्रवर्तन शील और आनंददायक यात्रा भी हो सकती हैं।
मधुमेह आहार योजना का मुख्य उद्देश्य, पर्याप्त पोषण तत्वों के साथ आदर्श वजन बना कर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य रखना हैं। अक्सर डायबिटीज़ आहार में उच्च रेशेदार या फाइबर (विशेषकर घुलनशील फाइबर) और पोषक तत्वों से भरपूर, लेकिन कम वसा (विशेष रूप से सेच्यूरेटेड फैटस) और मध्यम कैलोरी के आहार लेने का सुझाव दिया जाता हैं। ऐसा कोई सामान्य आहार नहीं हैं जो सभी के लिए उपयुक्त हो।
एक मधुमेह आहार योजना में नियमित रूप से अल्प भोजन करने की सलाह दी जाती हैं, जो प्रतिदिन 6 बार लिये जा सकते हैं। प्रत्येक भोजन या नाश्ते के लिए आपका लक्ष्य मध्यम और समान मात्रा में आहार लेना होना चाहिए। कभी भी नाश्ता करना मत छोड़ें।