कोरोना वायरस की 4 नस्ले हैं, अर्थात अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा। 6 प्रकार के स्थापित मानवीय कोरोना वायरस (HCoV) अल्फा और बीटा की नस्ल के हैं:
अल्फा-कोरोनावायरस
बीटा-कोरोना वायरस
सातवें नोवल मानव बीटा-कोरोनावायरस 2019-nCoV में, सारस़(SARS)वायरस के आनुवांशिक अनुक्रमांकता से 80% समानता हैं।
ज्यादातर एन एल 63, 229 ई, ओसी 43 या एच के यू 1 से संक्रमित होने पर हैं मनुष्य केवल एक सामान्य ठंड का अनुभव करते हैं। लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित जानवर जब मनुष्यों को संक्रमित करते हैं, तो वे घातक परिणाम पैदा करते हैं, उदाहरणार्थ सारस़(SARS), मरस़(MERS), 2019-nCoV।
कोरोना वायरस के लिये जानवर प्राकृतिक मेज़बान हैं, जैसे चमगादड़, ऊंट, बिल्ली और मवेशी। कोरोना वायरस मेजबानों को बार-बार बदलते रहते हैं। इसलिये वायरस हस्तांतरित होता रहता हैं, जैसे चमगादड़ से ताड़-गन्धबिलाव और फिर मानव जाति में (सारस़), या फिर चमगादड़ से कुबड़ वाले ऊंट में और फिर मानव जाति में (मरस़)। वायरस की सतह की प्रोटीन की नुकीले कीलें (एस स्पाइक) मेजबान की सतह से जुड़ कर उसे भेदने में वायरस की मदद करती हैं।
मानवीय कोरोना वायरस के लक्षण काफी हद तक सामान्य जुकाम या फ्लू से मिलते-जुलते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के इस नए तंतु में, संक्रमण होने के लगभग एक सप्ताह बाद ही लक्षण दिखाई देते हैं, इसलिए यह अधिक तेजी से फैलता हैं। समानता होने के बावजूद भी यह एक अलग वायरस हैं जो संक्रमण की स्थिति को अलग बनाता है।
मानवीय कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नीचे सूचीबद्ध हैं:
सामान्य तौर पर, कोरोना वायरस जिगर, मस्तिष्क, आंत और श्वसन प्रणाली में बीमारियों का कारण बनता है।