About Careers Internship MedBlogs Contact us
Medindia
COVID-19 Vaccination in India: Issues and Challenges
Advertisement

कोरोना वायरस

View in English
Font : A-A+

कोरोना वायरस क्या है?

वर्ष 2020 की शुरुआत में एक नए कोरोनो वायरस (2019-nCoV) का प्रकोप देखा गया । दिसंबर 2019 की शुरुआत में, चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर के एक समुद्रीय और पशु भोजन के थोक बाजार के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों में निमोनिया के कई मामले सामने आए। आज से पहले इस नये वायरस की नस्ल या प्रजाती की उपस्थिति मनुष्यों में नहीं पाई गई थी। यह वायरस प्रकोप का कारण बन गया और स्थिति को बदतर करने में इस से होने वाला निमोनिया हैं जो कि प्राण-घातक सिद्ध हो सकता है। इस वायरस के फैलने के एक महीने के भीतर ही, 30 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2019-nCoV प्रकोप को वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया।

Advertisement

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि 3 फरवरी 2020 तक लगभग 17,391 लोग संक्रमित हुए और 361 की मौत हुई। हमें यह समझने की आवश्यकता हैं कि वायरस की वर्तमान प्रजाती केवल उन लोगों के लिए घातक है जिन्हें अस्थमा जैसी अंतर्निहित पुरानी बीमारी है या जिनको किसी भी कारण से प्रतिरक्षात्मक समस्या हैं।)

कोरोना वायरस की नई प्रजाती अधिक खतरनाक क्यों है?

कोरोना वायरस की इस प्रजाती के बारे में चिंताजनक बात यह है कि संक्रमित होने पर रोगियों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देने के एक हफ्ते पहले से ही इस वायरस की संक्रामक अवस्था शुरू हो जाती हैं। इसलिए जब तक पता चलता है तब तक यह कई व्यक्तियों को संक्रमित कर दूसरे स्थान पर फैल चुका होता हैं।

कोरोना वायरस के बारे में

कोरोना एक बड़ा (व्यास ~ 125 एनएम ) पॉजिटिव-स्ट्रैंड या तंतु आर एन ए वायरस हैं, जो प्रोटीन के आवरण से घिरा होता है और ज्यादातर जानवरों की प्रजातियों में पाया जाता है, जैसे कि चमगादड़, ऊंट, बिल्ली, मवेशी और कुछ पक्षियों में । कोरोना का अर्थ लैटिन में मुकुट होता हैं और इस वायरस की सतह पर एस प्रोटीन की नुकीली कीले हैं जो मुकुट जैसे दिखती हैं , इसलिये इसे कोरोना वायरस नाम दिया गया। S प्रोटीन, एंजियोटेंसिन कनवरटींग एंजाइम 2 (hACE2) रिसेपटर से बँधकर मेजबान सतह से जुड़ कर प्रवेश करता है। इन वायरस को मनुष्यों में हल्के रोगजनकों के रूप में माना जाता था, जो केवल एक सामान्य जुकाम सर्दी का कारण बनते हैं।

हालांकि 2003 में घातक सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) का प्रकोप एक कोरोना वायरस से हुआ था। इस कोरोना वायरस के लिये चमगादड़ प्राकृतिक मेज़बान था और ताड़-गन्धबिलाव एक मध्यवर्ती मेजबान था। मानव के जीवित ताड़ गन्धबिलाव के संपर्क में आने के कारण यह वायरस पशु जाति से छलाँग लगा कर मानव जाति में संक्रमित हो गया। सारस़ वायरल संक्रमण 24 देशों में फैला और बड़े पैमाने पर मृत्यु दर का कारण बना। इसने कोरोना वायरस के रोगात्मक स्वरूप का चेहरा बदल दिया। २०१२ में सऊदी अरब में एक और घातक कोरोना वायरस प्रकोप, मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS) की सूचना मिली थी। इस मामले में भी, चमगादड़ से ऊंट और अंत में मनुष्यों में वायरस का संक्रमण हुआ था।)


Post a Comment
Comments should be on the topic and should not be abusive. The editorial team reserves the right to review and moderate the comments posted on the site.
Advertisement
Advertisement
This site uses cookies to deliver our services. By using our site, you acknowledge that you have read and understand our Cookie Policy, Privacy Policy, and our Terms of Use