हमें बुनियादी स्वास्थ्य कर उपायों को बनाए रखने की जरूरत है यदि हम यह सावधानी बरतते हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ज्यादातर लोग जो वायरस के नई प्रजाती से संक्रमित हुए हैं, उन्होंने भी स्वाभाविक तरीके से इस संक्रमण को खत्म कर दिया हैं।
यह सर्वविदित हैं कि भारत में पशुओं में कोरोना वायरस हैं। दक्षिण-पश्चिम भारत में, गंभीर तीव्र श्वास संबंधित बीमारी से ग्रसित रोगीयों में कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत कम मात्रा में दिखाई पड़ता है। डब्ल्यू एच ओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सारस़ से संबंधित मृत्यु दर कम थी और भारत में मरस़ (MERS) के एक भी मामले दर्ज नहीं हुये थे। फरवरी 2020 तक 2019-nCoV के केवल 3 मामले सामने आए हैं। जिसमें भारत में कोई मृत्यु दर नहीं हैं। हवाई अड्डों ने स्क्रीनिंग सिस्टम स्थापित किए हैं, ताकि बुखार से पीड़ित लोगों का पता लगाया जा सके। स्वास्थ्य और परिवारिक मामलों के मंत्रालय ने स्थिति का पता लगाने, रिपोर्टिंग और इलाज के लिए दिशानिर्देश प्रदान किए हैं।