वर्तमान में कोरोनावायरस को योजनाबद्ध तरीके से खत्म करने वाला कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। अधिकांश उपचार लक्षणों को लक्षित करते हैं। संक्रमण को रोकने के लिए निवारक कार्यवाही ही सबसे अच्छा साधन है।
उदाहरणार्थ टीके, डीएनए टीके, वायरल वेक्टर-आधारित टीके, लाइव एटेन्यूएट वायरस, पुनः संयोजक प्रोटीन, निष्क्रिय वायरस का परीक्षण केवल जानवरों में किया गया है और मानव रोगियों में अभी तक नहीं किया गया है।
एंटीवायरल दवाएं जैसे कि वायरल प्रोटीन (एस प्रोटीन, पोलीमरेज़, प्रोटीज़, और एमटीएस) को योजनाबद्ध तरीके से खत्म करने वाले नैदानिक परीक्षणों में प्रभावी नहीं पाई गई हैं। इसी तरह, रीकॉम्बिनेंट इंटरफेरॉन (IFN) के साथ रिबावैरिन भी संक्रमण के इलाज में बहुत प्रभावी नहीं पाई गई हैं।
अच्छी स्वच्छता के अभ्यास से कोरोनावायरस संक्रमण को रोका जा सकता है। निवारक उपायों की एक सूची निम्नलिखित है:
आवश्यक हैं कि संक्रमित व्यक्ति को चौदह दिन तक पृथक रखा जाये, जब तक कि वह खतरे से बाहर ना हो जाये।
समय पर निदान रोग के प्रसार को नियंत्रित करने में प्रभावी है। नैदानिक देरी से अस्पतालों में संक्रमण फैलता है।
क्लोरोक्विन, एज़िथ्रोमाइसिन और एच.आई.वी के लिए उपयोग में आने वाले दूसरी पंक्ति के एंटी-रेट्रोवायरल को कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और उपचार में उपयोगी पाया गया हैं।
चेतावनी - कई प्रकाशन क्लोरोक्विन के उपयोग की सिफारिश कर रहे हैं, जिसका उपयोग मलेरिया और संधिशोथ के उपचार के लिये किया जाता हैं। हाँलाकि इस के कुछ खतरनाक दुष्प्रभाव होते हैं जिनमें पेट खराब होना, दृष्टि हानि और यहां तक कि मृत्यु भी शामिल है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।